Edited By Yaspal,Updated: 09 Jul, 2018 11:17 PM
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के शरीयत अदालतों के गठन संबंधी प्रस्ताव को केंद्रीय कानून राज्य मंत्री चौधरी ने सोमवार को असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने कहा कि देश में संवैधानिक व्यवस्था के तहत एक न्याय प्रणाली है।
नेशनल डेस्कः मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के शरीयत अदालतों के गठन संबंधी प्रस्ताव को केंद्रीय कानून राज्य मंत्री चौधरी ने सोमवार को असंवैधानिक करार दिया। उन्होंने कहा कि देश में संवैधानिक व्यवस्था के तहत एक न्याय प्रणाली है। ऐसे में इसके समानांतर व्यवस्था का गठन संविधान की मंशा के खिलाफ है।
चौधरी ने कहा कि अदालत के बाहर सुलह सफाई के लिए संस्था का गठन करना और बात है। अगर ऐसी शरीयत अदालत में दोनों पक्ष सहमत होते हैं तो यह आपस में समझौता करने की बात है। ऐसे में अदालत की जरूरत भी नहीं होती। दूसरी स्थिति में अगर ऐसे फैसलों से एक पक्ष संतुष्ट नहीं है तो उसे फैसला मानने पर मजबूर नहीं किया जा सकता। ऐसी परिस्थितियों में फैसला सिर्फ अदालतें ही करेंगी।
उन्होंने कहा कि चाहे हिंदू हों या मुसलमान या किसी अन्य धर्म को मानने वाले, कोई अपनी अलग अदालत नहीं बना सकता। ऐसी अदालतें अपने फैसले मानने के लिए किसी को बाध्य नहीं कर सकती। तीन तलाक मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला इसका उदाहरण है।