SC ने कहा, 'टेम्पररी और परमानेंट कर्मचरियों को मिले बराबर की सैलरी'

Edited By ,Updated: 27 Oct, 2016 12:28 PM

contractual employees are entitled to wages at par with permanent employee sc

सुप्रीम कोर्ट ने अस्थाई या कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों को लेकर अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि इन कर्मचारियों को भी नियमित कर्मचारियों के बराबर सैलरी मिलनी चाहिए।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अस्थाई या कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों को लेकर अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि इन कर्मचारियों को भी नियमित कर्मचारियों के बराबर सैलरी मिलनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि 'बराबर काम के लिए बराबर पैसे' को मानना होगा। इतना ही नहीं कोर्ट की बेंच ने ये भी कहा कि कम पैसे देना दमनकारी है। कोर्ट के इस फैसले के बाद देशभर के उन लाखों अस्थाई कर्मचारियों को राहत मिलेगी जिनकी सैलरी स्थाई कर्मचारियों की तुलना में काफी कम है।

जस्टिस जे.एस. खेहर और एस.ए. बोबदे ने ये फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि एक ही काम में लगाए गए लोगों को किसी दूसरे व्यक्ति से कम सैलरी नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने भारत के वेलफेयर स्टेट होने का तर्क भी दिया और कहा कि कम पैसे पर काम करवाना मानवीय गरिमा के खिलाफ है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों के सिद्धांत को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है।

इच्छा से कोई नहीं करता कम पैसों में काम
कोर्ट ने कहा कि कोई भी व्यक्ति इच्छा से कम सैलरी में काम नहीं करता बल्कि वह खुद की प्रतिष्ठा दांव पर लगाकर इसलिए काम करता है ताकि अपने परिवार का पेट भर सके क्योंकि वह जानता है कि अगर कम पैसे में काम स्वीकार नहीं किया तो उसकी मुश्किलें और बढ़ जाएंगी इसलिए किसी की मजबूरी का फायदा गलत है।

बता दें कि कोर्ट पंजाब के अस्थाई कर्मचारियों से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही थी जिन्होंने स्थाई कर्मचारियों के बराबर सैलरी पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इससे पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा था कि अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई के बराबर सैलरी नहीं दी जा सकती।


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