मानवाधिकार आयोग पहुंचा विवाद

Edited By Archna Sethi,Updated: 30 Nov, 2022 09:01 PM

controversy reached the human rights commission

रोडवेज एस सी एंप्लॉइज संघर्ष समिति आॅफ हरियाणा के अनुसूचित जाति के कर्मचारियों और परिवहन विभाग के निदेशक के बीच छिड़ा विवाद अब मानवाधिकार आयोग चंडीगढ़ के समक्ष पहुंच गया है। आयोग ने मामले में संज्ञान लेते हुए आज रोडवेज एस सी एंप्लॉइज संघर्ष समिति...

 

चंडीगढ़ 30 नवंबर।(अर्चना सेठी)  रोडवेज एस सी एंप्लॉइज संघर्ष समिति आॅफ हरियाणा के अनुसूचित जाति के कर्मचारियों और परिवहन विभाग के निदेशक के बीच छिड़ा विवाद अब मानवाधिकार आयोग चंडीगढ़ के समक्ष पहुंच गया है। आयोग ने मामले में संज्ञान लेते हुए आज रोडवेज एस सी एंप्लॉइज संघर्ष समिति आॅफ हरियाणा के प्रतिनिधिमंडल को उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने के लिए जांच के लिए बुलाया था। गौरतलब है कि रोडवेज के अनुसूचित जाति के कर्मचारियों ने परिवहन विभाग के निदेशक विरेन्द्र दहिया पर जातिवादी दुर्भावना से कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपने नौकरी से इस्तीफे सौपने के लिए समय मांगा हुआ है। 

 

रोडवेज एस सी एंप्लॉइज संघर्ष समिति आॅफ हरियाणा के राज्य प्रधान मनोज चहल ने अपने वक्तव्य में कहा कि परिवहन निदेशक लगभग पिछले एक साल से लगातार रोडवेज के अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को अपनी जातिवादी सोच और बदले की भावना के चलते निशाना बनाए हुए है। उन्होंने 22 नवंबर 2021 की बैठक में भी यूनियन प्रतिनिधियों को अपमानित करने का काम किया और अनुसूचित जाति समाज पर जातिगत टिप्पणी की। चहल ने बताया कि मानवाधिकार आयोग के समक्ष सुनवाई के दौरान आयोग के सदस्य दीप भाटिया ने मामले में कड़ा संज्ञान लेने का आश्वासन दिया और कहा कि मामले को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में भी कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा। चहल ने बताया कि रोडवेज एस सी एंप्लॉइज संघर्ष समिति आॅफ हरियाणा ने हमेशा सरकार हित और विभागहित में कार्य किया है।

 

चैयरमैन बलवंत सिंह एवं महासचिव संदीप बौद्ध ने बताया कि विभाग के कुछ अधिकारियों ने तरह तरह के हथकंडे अपनाकर संगठन के पदाधिकारियों के विरूद्ध षडयंत्र के तहत आपराधिक मामले दर्ज करवा दिए गए और नौकरी खराब करने की धमकी दी जा रही है। अनुसूचित जाति के कई कर्मचारियों को सस्पेंड और बहुत से कर्मचारियों को नियम 4B के तहत चार्जशीट दी गई हैं तो किसी को तबादले की धमकी दी जा रही है। संदीप बौद्ध ने आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारियों के द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए यूनियन के पदाधिकारियों को झूठे मुकदमों के फेर में उलझा गया है।

 

संगठन के राज्य प्रधान मनोज चहल ने कहा कि विभाग के उच्च अधिकारी उनकी नौकरी छुड़वाना चाहते हैं। अनुसूचित जाति के कर्मचारियों के द्वारा जल्द ही माननीय मुख्यमंत्री जी से मुलाकात करके अपने इस्तीफे सौपने का कार्य करेंगे। कर्मचारियों ने मांग की है कि सरकार ऐसे जातिवादी मानसिकता रखने वाले अधिकारियों पर लगाम लगाए और इनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे।

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