Edited By Pardeep,Updated: 15 Sep, 2018 09:50 PM
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि सहकारी बैंकों के प्रति धारणा को बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक जब संकट में होते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है जबकि राष्ट्रीयकृत बैंकों को ऐसी...
मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि सहकारी बैंकों के प्रति धारणा को बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक जब संकट में होते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है जबकि राष्ट्रीयकृत बैंकों को ऐसी स्थिति में सरकार की मदद मिलती है। वह यहां सारस्वत को आपरेटिव बैंक के एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। बैंक ने 14 सितंबर को अपनी स्थापना के 100 साल पूरे किए हैं। शिवसेना अध्यक्ष उद्वव ठाकरे भी इस मौके पर मौजूद थे।
पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में सहकारी आंदोलन उसके नेताओं की दूरदृष्टि की वजह से आजादी के बाद के शुरुआती वर्षों में शुरू हुआ था। उन्होंने बताया कि देश में कुल सहकारी बैंकों में से 70 प्रतिशत महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में स्थित है। पवार ने कहा कि इस बात में संदेह नहीं है कि राष्ट्रीयकृत बैंकों की मदद की जानी चाहिए। हालांकि, जहां राष्ट्रीयकृत बैंकों को हाल के वर्षों में 86,000 करोड़ रुपए की मदद मिली है वहीं वित्तीय संकट की स्थिति में सहकारी बैंकों को भंग किया गया है।