भारत को संकट में देख फायदा उठा रहा चीन, वैक्सीन रणनीति को लेकर चली नई चाल

Edited By Tanuja,Updated: 29 Apr, 2021 12:26 PM

corona crisis in india china engaged in vaccine strategy for neighborhood

चीन और पाकिस्तान ऐसे पड़ोसी हैं जो भारत की किसी भी कमजोरी का फायदा उठाने से नहीं चूकते हैं। इन दिनों भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा रखी है। ऐसे में एक तरफ पाकिस्तान मदद की पेशकश कर रहा है ...

बीजिंगः चीन और पाकिस्तान ऐसे पड़ोसी हैं जो भारत की किसी भी कमजोरी का फायदा उठाने से नहीं चूकते हैं। इन दिनों भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचा रखी है। ऐसे में एक तरफ पाकिस्तान मदद की पेशकश कर रहा है और दूसरी तरफ कश्मीर मुद्दे को भी उठा रहा है। यही हाल खुराफाती पड़ोसी  चीन काहै जो भारत में कोरोना से बिगड़े हालात का फायदा उठाने में जुट गया है। भारत को महामारी के जाल में  फंसे देख चीन दक्षिण एशियाई देशों के बीच अपनी वैक्सीन रणनीति को लेकर ज्यादा मुखर हो रहा है। 

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अभी तक भारत पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान को छोड़ कर दूसरे सभी पड़ोसी देशों को उदारता से वैक्सीन दे रहा था लेकिन अब भारत से मदद मिलनी बंद हो गई है। ऐसे में चीन इन देशों में कोरोना रणनीति को आक्रामक तरीके से लागू करने की कोशिश कर रहा है। मजबूरी यह है कि इन देशों के पास चीन से मदद  वेने के अलावा दूसरा कोई विकल्प भी नहीं है। चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को नेपाल, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका व पाकिस्तान की बैठक बुलाई गई थी जिसमें ची इन सभी देशों को कोरोनाजंग में वैक्सीन समेत हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया गया है।

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जानकारों का कहना है कि नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश को भारत की तरफ से पूर्व में काफी मात्रा में वैक्सीन दी गई है। भारत ने पहले अफगानिस्तान को भी वैक्सीन देने का वादा किया था। ये सारे देश भारत से दूसरे चरण में और ज्यादा वैक्सीन की उम्मीद लगाए थे लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। कोरोना की दूसरी लहर से जूझता भारत खुद ही दूसरे देशों से वैक्सीन खरीद रहा है। भारत से वैक्सीन खरीदने की उम्मीद लगाए इन देशों के पास चीन के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं दिख रहा। बांग्लादेश ने भारत से 70 लाख वैक्सीन डोज वाणिज्यिक कीमत पर खरीदने का आर्डर दिया था। भारत ने उसे 32 लाख डोज अनुदान के तौर पर दी है लेकिन उसे 23 लाख डोज अभी तक नहीं दी जा सकी है।

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दूसरी तरफ चीन सरकार ने उसे 1.10 लाख डोज मुफ्त वैक्सीन देने का प्रस्ताव भेजा है। चीन दूसरे देशों को भी कुछ मदद के तौर पर और कुछ वाणिज्यिक आधार पर अपनी कोरोना वैक्सीन देने को तैयार है। नेपाल भी भारत से 20 लाख डोज वैक्सीन की उम्मीद लगाए हुए था।  दरअसल  सिर्फ दक्षिण एशियाई देश ही नहीं बल्कि एशिया के कुछ दूसरे देश जो अभी तक भारत निर्मित वैक्‍सीन की आस लगाए बैठे थे, उन्हें अब चीन की तरफ देखना पड़ रहा है। इंडोनेशिया व दक्षिण पूर्वी क्षेत्र के दूसरे देश इसमें शामिल हैं। माना जा रहा है कि भारतीय विदेश मंत्रालय इस नई चुनौती से वाकिफ है और इस बारे में अमेरिका व दूसरे देशों के साथ भी बात हो रही है।

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बता दें कि दो दिन  पहले 27 अप्रैल को ही भारत, अमेरिका, जापान व आस्ट्रेलिया के कारोबार मंत्रियों की बैठक में कोरोना महामारी के लिए जरूरी दवाई व वैक्सीन की मौजूदा सप्लाई चेन की जगह अपनी व्यवस्था स्थापित करने को लेकर बात हुई है। इन क्वाड देशों  के प्रमुखों की बैठक में कोरोना वैक्सीन को लेकर वैश्विक प्रस्ताव तैयार किया गया जिसका एक बड़ा उद्देश्य चीन की वैक्सीन कूटनीति की योजना को कमजोर करना था लेकिन अब स्थिति बदल रही है और चीन इसका लाभ लेने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है।

 

 

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