Edited By rajesh kumar,Updated: 01 Sep, 2021 01:26 PM
केरल में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। बढ़ते ग्राफ को देखते हुए देश में तीसरी लहर को लेकर चिंता और गहराने लगी है। सूत्रों की मानें तो केरल में जिस हिसाब से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए स्मार्ट स्ट्रेटेजिक लॉकडाउन...
नेशनल डेस्कः केरल में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। बढ़ते ग्राफ को देखते हुए देश में तीसरी लहर को लेकर चिंता और गहराने लगी है। सूत्रों की मानें तो केरल में जिस हिसाब से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए स्मार्ट स्ट्रेटेजिक लॉकडाउन जरूरी हो गया है। यह लॉकडाउन पूरे जिले स्तर पर नहीं बल्कि मोहल्ले और कस्बों के आधार पर किया जाता है, जहां ज़्यादा लोग पॉजिटिव मिल रहे होते हैं। वहीं, एक्सपर्ट्स इस बात का दावा कर रहे हैं, तीसरी लहर सितंबर या अक्टूबर में आ सकती है।
केरल में संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। केरल में पॉजिटिविटी रेट 18.86% से अधिक हो गया है। केरल में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 30,203 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 20,687 लोग रिकवर हुए हैं। वहीं, 115 मरीजों की 24 घंटों के दौरान मौत हो गई है। सूत्रों ने बताया कि काफी पहले से केंद्र "लिमिटेड लॉकडाउन" की बात केरल को कहता रहा है लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने कहा कि पड़ोसी राज्य केरल से यहां आने वाले लोगों के लिए एक सप्ताह का संस्थानिक पृथकवास अनिवार्य होगा, भले ही उनका टीकाकरण हो चुका हो और उनके पास निगेटिव आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट हो। यह कदम केरल से हवाई मार्ग से आने वाले यात्रियों पर भी लागू होगा और वे संस्थानिक पृथकवास के लिए तय होटलों में से, अपनी पसंद का होटल चुन सकते हैं।