Edited By vasudha,Updated: 10 Apr, 2020 11:06 AM
चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस अब विश्व के कई देशों को अपनी जद में ले चुका है। इटली, स्पेन, फ्रांस, अमरीका जैसे विकसित देशों में यह महामारी में तबदील हो गया है। दुनिया के कई देश लॉकडाऊन की स्थिति में हैं। भारत में लगातार कोरोना वायरस के संक्रमित लोगों...
नेशनल डेस्क: चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस अब विश्व के कई देशों को अपनी जद में ले चुका है। इटली, स्पेन, फ्रांस, अमरीका जैसे विकसित देशों में यह महामारी में तबदील हो गया है। दुनिया के कई देश लॉकडाऊन की स्थिति में हैं। भारत में लगातार कोरोना वायरस के संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है लेकिन सरकार की सक्रियता से अभी वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हो सका है मगर देश में अभी खतरा बना हुआ है। ऐसे में सभी को अलर्ट रहना होगा विशेषकर बुजुर्गों-बच्चों को। साथ ही ऐसे लोगों को भी विशेष सावधानी रखनी होगी जो पहले से किसी बीमारी की गिरफ्त में हों।
एम्स के डॉ. अजय मोहन के अनुसार कोरोना वायरस की शुरूआत सर्दी-जुकाम से होती है। धीरे-धीरे सांस फूलने लगती है। दरअसल कोरोना वायरस के चलते जिन लोगों की मौत हुई है उनमें अधिकांश डायबिटीज, हाइपरटैंशन, बी.पी., किडनी, हृदय, लिवर की बीमारी के मरीज थे। डायबिटीज, हृदय व किडनी के मरीजों को ज्यादा सावधानियां बरतने की जरूरत है। ऑक्सफोर्ड यूनिवॢसटी के शोध में खुलासा हुआ कि कोरोना से मरने वालों में 99 फीसदी मरीज पहले से हृदय रोग, शूगर, सांस की बीमारी और कैंसर से पीड़ित थे। गौरतलब है कि डायबिटीज, दिल, किडनी, कैंसर जैसे मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी स्वस्थ शरीर के मुकाबले बेहद कमजोर होती है इसलिए इन मरीजों में कोरोना या इस जैसे दूसरे वायरस की वजह से ज्यादा जटिलताएं पैदा हो जाती हैं।
हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन से हृदय संबंधी बीमारी, मधुमेह की आशंका
एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन के इस्तेमाल से हृदय संबंधी बीमारी तथा मधुमेह की आशंका कम हो जाती है। कोविड-19 के इलाज और इसकी रोकथाम के लिए कारगर बताई जा रही कुछ दवाओं जैसे क्लोरोक्वीन, हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन और एजिथरोमाइसिन के इस्तेमाल से मरीजों में प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकते हैं। इन दवाओं का सेवन करने से मरीज को अनियमित हृदय गति के साथ ही खून में ग्लूकोज का स्तर कम होने का भी खतरा हो सकता है।
ये सावधानियां रखें
- घर पर हाइजीन का खास ख्याल रखें
- बार-बार साबुन से अच्छे से हाथ धोते रहें
- बाहर से घर पर पहुंचते ही सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें
- सोशल डिस्टैंसिंग का विशेष ध्यान रखें
- रूटीन दवाइयां समय पर लेते रहना चाहिए
- मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें
- एमरजैंसी होने पर ही डॉक्टर को दिखाने जाएं