कोरोना संकट के बीच पैरोल पर कैदी रिहा, हर हफ्ते पुलिस को भेजेंगे लाइव लोकेशन, करेंगे वीडियो कॉल

Edited By Seema Sharma,Updated: 23 Apr, 2020 12:25 PM

corona prisoner released on parole will send live location to police

कोरोना संकट के चलते अलग-अलग राज्यों की सरकारों ने जेल में बंद कैदियों को अस्थायी तौर पर पैरोल और फर्लो देकर रिहा करने का फैसला किया था। ऐसे में लॉकडाउन के बीच पैरोल पर इन कैदियों पर नजर रखने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने व्हाट्सऐप और गूगल मैप्स का सहारा...

नेशनल डेस्कः कोरोना संकट के चलते अलग-अलग राज्यों की सरकारों ने जेल में बंद कैदियों को अस्थायी तौर पर पैरोल और फर्लो देकर रिहा करने का फैसला किया था। ऐसे में लॉकडाउन के बीच पैरोल पर इन कैदियों पर नजर रखने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने व्हाट्सऐप और गूगल मैप्स का सहारा लेने का फैसला किया है। जस्टिस अनूप जयराम भंबानी की बेंच ने तीन अलग-अलग आदेशों में तीन मुजरिमों के जेल टर्म को अस्थायी तौर पर रद्द करने का फैसला किया। जज ने कहा कि मुजरिम- ओमपाल, राहत और बाबूलाल को पैरोल दी जा रही है उनको हर हफ्ते जांचकर्ता अफसर को वीडियो कॉल करनी होगी और अपनी लाइव लोकेशन भी व्हाट्सऐप करनी होगी ताकि पुलिस को पता रहे कि मुजरिम कहां पर हैं और कैदियों को भी हर हफ्ते पुलिस स्टेशन न जाना पड़े।

 

जज ने कहा कि कैदी हर शुक्रवार को सुबह 11 से 11:30 के बीच इन्वेस्टिगेंटिंग ऑफिसर (IO) को फोन करेंगे और अगर IO मौजूद नहीं है, तो वे उस पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) को फोन करेंगे, जहां उनके खिलाफ मामला दर्ज है से वीडियो कॉल के जरिए बात करेंगे। साथ ही कैदी गूगल मैप्स पर अपनी लोकेशन भी भेजेंगे, ताकि पुलिस उनकी मौजूदगी को कंफर्म कर पाए। कैदी ओमपाल पर  एटीएम में पैसे भरने वाली गाड़ी के ड्राइवर के तौर पर साथियों को नशीला पदार्थ खिलाकर 51 लाख रुपए का आरोप है और इस अपराध के लिए  उसे 8 साल की जेल की सजा हुई थी।

 

ओमपाल ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उसको सजा में दो महीने की अंतरिम राहत दी जाए। उसका 14 साल का बेटा और जुड़वा बेटियां हैं, लॉकडाउन के दौरान स्कूल बंद होने से उनकी पत्नी कमाई करने में असमर्थ हैं। इसके बाद कोर्ट ने उसकी सजा 17 जुलाई तक रद्द कर दी। वहीं, कोर्ट ने दूसरे मुजरिम बाबूलाल की सजा भी तीन महीने के लिए रद्द कर दी। एक अन्य मुजरिम राहत की सजा को कोर्ट ने 17 जुलाई तक के लिए अस्थाई तौर पर रद्द कर दी है। बता दें कि मार्च में कई राज्यों ने जेल में बंद कैदियों को रिहा करने पर विचार किया था क्योंकि ऐसे में उनको कोरोना का खतरा था। कई राज्यों ने कैदियों को पैरोल पर छोड़ा है।

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