corona effect: राजस्थान में कटेगी मंत्रियों-विधायकों और कर्मचारियों की सैलरी

Edited By Seema Sharma,Updated: 05 May, 2020 02:52 PM

corona salary of ministers legislators employees will be cut in rajasthan

कोरोना संकट के चलते राजस्थान में हुए लॉकडाउन के कारण सरकारी खजाने की हालात लगातार खराब होती जा रही है। ऐसे में राजस्थान सरकार ने मंत्रियों-विधायक, अधिकारियों-कर्मचारियों की सैलरी के एक तय प्रतिशत को स्थगित रखने का फैसला किया है। फैसले के तहत मंत्री...

नेशनल डेस्कः कोरोना संकट के चलते राजस्थान में हुए लॉकडाउन के कारण सरकारी खजाने की हालात लगातार खराब होती जा रही है। ऐसे में राजस्थान सरकार ने मंत्रियों-विधायक, अधिकारियों-कर्मचारियों की सैलरी के एक तय प्रतिशत को स्थगित रखने का फैसला किया है। फैसले के तहत मंत्री व विधायकों के वेतन (ग्रोस सैलेरी) का 75 प्रतिशत हिस्सा स्थगित (डेफर) रखा जाएगा। इसी प्रकार अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों का 60 प्रतिशत, राज्य सेवा के अधिकारी एवं अधीनस्थ सेवा के अधिकारी-कर्मचारियों का वेतन 50 प्रतिशत तक स्थगित रहेगा।

 

राज्य के अन्य कार्मिकों का सकल वेतन (ग्रोस सैलेरी) का 30 प्रतिशत वेतन स्थगित रखा जाएगा। साथ ही सेवानिवृत्त पेंशनर्स की मार्च माह की सकल पेंशन का 30 प्रतिशत हिस्सा भी स्थगित रखा जाएगा। लेकिन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के सभी संवर्गों के अधिकारियों-कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों तथा संविदा एवं मानदेय पर कार्यरत कार्मिकों की सैलरी नहीं काटी जाएगी।

 

सर्वाधिक 75 प्रतिशत कटौती में शामिल
मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, मुख्य सचेतक, उप मुख्य सचेतक, समस्त विधायकगण के सकल वेतन (ग्रोस सैलेरी) का 75 प्रतिशत हिस्सा स्थगित (डेफर) रखा जाएगा।

 

राजस्व अर्जन में कमी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कोरोना से उपजे संकट का मजबूती से मुकाबला करने के लिए कई निर्णय किए गए। बैठक में बताया गया कि लॉकडाउन के कारण प्रदेश में अधिकतर औद्योगिक इकाइयां एवं व्यावसायिक गतिविधियां बंद हैं। साथ ही राजस्व अर्जन से संबंधित कई विभागों में भी कामकाज प्रभावित हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बीते वित्तीय वर्ष में बड़े नुकसान की बात कह चुके हैं, वहीं अप्रैल माह में सरकार की आय में 80 प्रतिशत की कमी देखी गई है। प्रदेश में 28 अप्रैल तक की राजस्व प्राप्तियों का आकलन करें तो सरकार के पास नए वित्तीय वर्ष के पहले माह में महज 1505 करोड़ रुपए की आय ही हो पाई है। जबकि सामान्य तौर पर इस माह में सरकार का राजस्व लक्ष्य करीब 8000 करोड़ रुपए होता है।

 

अप्रैल लॉकडाउन में बीतने के कारण सरकार के राजस्व जुटाने वाले खान, आबकारी, उद्योग जैसे संसाधन बंद पड़े रहे थे, जिनमें राजस्व लगभग नगण्य रहा। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने केन्द्र से विशेष पैकेज की मांग करते हुए बताया था कि कोरोना संकट के चलते राज्य की आय एवं राजस्व संग्रहण में 70 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। राजस्थान को इस वर्ष करीब 18 हजार करोड़ रुपए के राजस्व की हानि हुई है। मार्च के अंतिम सप्ताह में ही करीब 3500 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है।


जरूरतमंदों को 1500 रुपए अनुग्रह राशि
जहां राजस्थान घाटे में चल रही है इसी बीच मंत्रिपरिषद ने निर्णय किया कि संकट की इस घड़ी में 36 लाख 51 हजार बीपीएल, स्टेट बीपीएल एवं अंत्योदय योजना के लाभार्थियों, 25 लाख निर्माण श्रमिकों एवं पंजीकृत स्ट्रीट वेण्डर्स, जो सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के दायरे में नहीं आते हैं, उन्हें पूर्व में एक हजार रूपए की अनुग्रह राशि दी गई थी। इन वर्गों को और संबल देने के लिए 1500 रुपए की राशि और दी जाएगी। इस पर 500 करोड़ रुपए व्यय होंगे। इससे उन्हें अपनी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिल सकेगी।

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