कोरोना: इटली में फंसी थी बेटी, मोदी सरकार की तत्परता से लौटी पिता के चेहरे पर लौटी मुस्कान

Edited By Yaspal,Updated: 17 Mar, 2020 07:09 PM

corona smile on father s face returned by modi government s readiness

एक ओर जहां कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में हाहाकार मचा है, हर व्यक्ति अपने प्रियजनों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। ऐसे में अगर किसी परिवार की बेटी कहीं परदेश में फंस जाए तो अनुमान लगाया जा सकता है कि माता-पिता के दिल पर क्या बीतेगी। ऐसा ही कुछ हुआ...

नेशनल डेस्कः एक ओर जहां कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में हाहाकार मचा है, हर व्यक्ति अपने प्रियजनों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। ऐसे में अगर किसी परिवार की बेटी कहीं परदेश में फंस जाए तो अनुमान लगाया जा सकता है कि माता-पिता के दिल पर क्या बीतेगी। ऐसा ही कुछ हुआ महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाले प्रतीक कदम (बदला हुआ नाम) के साथ। चीन के बाद कोरोना का सबसे ज्यादा कहर इटली में दिखाई दिया है। लेकिन भारत सरकार की तत्परता की वजह से इटली में फंसे भारतीयों को निकालने का प्रयास जारी है। इसी में इटली में फंसी महाराष्ट्र की यह बेटी सकुशल वापस घर आ गई।

प्रतीक कदम ने पूरी कहानी शेयर करते हुए बताया कि जब वह पूरी तरह हार चुके थे, तभी उन्हें अहसास हुआ कि उनकी सरकार है जो उनके साथ खड़ी है। कदम ने बताया, 'मेरी बेटी मास्टर्स की पढ़ाई के लिए 4 फरवरी को इटली के मिलान शहर गई थी। वहां उसकी पढ़ाई 20 तारीख से शुरू होने वाली थी लेकिन कोरोना वायरस की वजह से उसका कॉलेज बंद कर दिया गया।' 28 फरवरी को उनकी बेटी ने बताया कि वहां पर सब ठीक है और वह अगले चार महीने के लिए रेंट अग्रीमेंट को आगे बढ़वा रही है। लेकिन 10 मार्च को वहां की हर दुकान बंद हो गई। प्रतीक की बेटी ने उन्हें बताया कि अब उसके पास सिर्फ 15 दिन का खाना-पानी स्टॉक में है।

प्रतीक ने अपनी बेटी से तुरंत वापस आने को कहा लेकिन इटली सरकार ने भारत वापसी के लिए सर्टिफिकेट की मांग की, जो कि वहां के भारतीय दूतावास से ही बन सकता था। 12 मार्च को प्रतीक ने जब भारतीय दूतावास की वेबसाइट पर चेक किया तो पाया कि मिलान का भारतीय दूतावास भी बंद कर दिया गया है। प्रतीक ने कहा, 'मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूं, मेरी बेटी वहां फंसी हुई थी। फिर उसी दिन देर शाम मैंने भारतीय दूतावास के 8 लोगों की मेल आईडी खोजी और उन्हें मेल करके बताया कि मेरी बेटी वहां फंसी है। मैंने अपनी बेटी की डिटेल्स भी मेल में शेयर कीं।'

प्रतीक के मुताबिक, 'कुछ समय ही बीता था कि रात करीब 10:30 बजे मेरी बेटी का फोन आया और उसने कहा कि उसे भारतीय दूतावास से फोन आया था और वह अगले दिन भारत के लिए निकल रही है। मेरी बेटी 15 मार्च को भारत आ गई। अब उसे दिल्ली के आईटीबीपी हॉस्पिटल में रखा गया है। उसके खाने, दवा, हर चीज का इंतजाम सरकार कर रही है। वे अपने बच्चे की तरह उसकी देखभाल कर रहे हैं।' प्रतीक अब भारतीय दूतावास के कर्मचारियों और मोदी सरकार का धन्यवाद देते नहीं थक रहे हैं।

बता दें कि इटली में 28000 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। उत्तरी इटली और मिलान इलाके में ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। इटली की वित्तीय राजधानी के लोंबार्डी रीजन में 1420 मौतें हो चुकी हैं। यह कुल डेथ टोल का 65 प्रतिशत है। रोम के आसपास के इलाके में 19 लोगों की मौत हुई है वहीं 523 लोग इस संक्रमण के चपेट में आ गए हैं।

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