Edited By Seema Sharma,Updated: 26 Apr, 2020 04:46 PM
कोरोना वायरस की गंभीरता के कारण देश में लगाए गए लॉकडाउन को 1 महीने से ज्यादा का समय हो गया है। 24 मार्च से शुरू हुआ लॉकडाउन 3 मई तक चलना है। ऐसे में कई राज्य सरकारों ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने लोगों को वापिस बुलाने के लिए बसें भेजनी शुरू कर दी...
नेशनल डेस्कः कोरोना वायरस की गंभीरता के कारण देश में लगाए गए लॉकडाउन को 1 महीने से ज्यादा का समय हो गया है। 24 मार्च से शुरू हुआ लॉकडाउन 3 मई तक चलना है। ऐसे में कई राज्य सरकारों ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने लोगों को वापिस बुलाने के लिए बसें भेजनी शुरू कर दी हैं। कई हजार प्रवासी तो अपने-अपने राज्य पहुंच भी चुके हैं। उत्तर प्रदेश ने शनिवार से ही इसकी शुरुआत कर दी। मध्य प्रदेश ने भी महाराष्ट्र को पत्र लिखकर कहा कि वहां के लोगों को वापस आने दें। महाराष्ट्र ने राजस्थान सरकार से अपने लोगों के लिए सेफ पैसेज मांगा है।
छत्तीसढ़ ने भी कोटा में बसें भेजकर डेढ़ हजार छात्रों को बुलवा लिया है। जम्मू-कश्मीर ने भी अपने लोगों को अलग-अलग राज्यों से बुलाना शुरू कर दिया है। ऐसे में अटकलें शुरू हो गई हैं कि क्या लॉकडाउन 3 मई से आगे बढ़ेगा। वहीं खबर है कि कई राज्य सरकारें 3 मई से आगे लॉकडाउन बढ़ाने पर विचार कर रही हैं क्योंकि कोरोना के मामले दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। हालांकि संभावना है कि लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से खोला जाए। ऐसे में में प्रवासी मजदूरी की मुश्किलें कम करने के लिए उनको वापिस बुलाया जा रहा है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वे प्रवासी मजदूरों के मसले पर केंद्र सरकार से बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो भी संभव होगा, वो किया जाएगा। हालंकि उद्धव ने साफ किया कि कोई ट्रेन नहीं चलेगी क्योंकि हमें भीड़ नहीं चाहिए। जम्मू-कश्मीर के प्रिंसिपल सेक्रेट्री (प्लानिंग) रोहित कंसल ने बताया कि सोमवार को कोटा से 376 कश्मीर स्टूडेंट्स को लेकर बसें चलेंगी। उन्होंने कहा कि सब इंतजाम हो गए हैं। कंसल ने लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की। इससे पहले भी, जैसलमेर व अन्य जगहों पर फंसे स्टूडेंट्स व बाकी कश्मीरियों को वापस लाया गया है।
दूसरी तरफ नांदेड के तख्त सचखंड श्री हुजूर साहिब गया सिख श्रद्धालुओं का एक जत्था रविवार सुबह पंजाब लौट सका। ये सभी मार्च के महीने में वहां गए थे, तभी लॉकडाउन हो गया और ये सब फंस गए। ऐसे ही मध्य प्रदेश के भी सैकड़ों प्रवासी मजदूर जो गुजरात में फंसे हुए थे वो वापिस लौट चुके हैं। अब तक सभी राज्य सरकारें यही कह रही थीं कि लोग जहां हैं, वहीं रहें। इसके बाद जब कई राज्यों से खबरें आई हैं कि मजदूर पैदल ही निकल पड़े हैं। ऐसे में अब इस तरह सरकारों का अपने लोगों को वापिस बुलाने के लिए तेजी दिखाना हैरत में डाल रहा है।