Edited By vasudha,Updated: 06 May, 2021 08:48 AM
कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहे देश के सामने एक और बढ़ा संकट खड़ा दिखाई दे रहा है। वैज्ञानिकों ने तीसरी लहर की भी आशंका जताई है, माना जा रहा है कि इसे रोकना असंभव है। साथ ही यह भी कहा गया कि 7 मई को देश में दूसरी लहर का पीक आ सकता है. इसके बाद नए...
नेशनल डेस्क: कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहे देश के सामने एक और बढ़ा संकट खड़ा दिखाई दे रहा है। वैज्ञानिकों ने तीसरी लहर की भी आशंका जताई है, माना जा रहा है कि इसे रोकना असंभव है। साथ ही यह भी कहा गया कि 7 मई को देश में दूसरी लहर का पीक आ सकता है. इसके बाद नए मामलों में कमी आ सकती है। इस समय दिल्ली में कोरोना की चौथी लहर चल रही है।
विजयराघवन ने किया आगाह
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजयराघवन ने आगाह करते हुए कहा कि चूंकि सार्स-सीओवी2 और उत्परिवर्तित हो रहा है इसलिए नयी लहरों के लिए तैयार रहना चाहिए। उनका कहना है कि टीके ब्रिटेन में सामने आये कोविड-19 के नये प्रकार और दोहरे उत्परिवर्तन के खिलाफ प्रभावकारी हैं लेकिन वायरस के आगे और उत्परिवर्तन करने के मद्देनजर निगरानी और टीके को अद्यतन करने की जरूरत है।
लापरवाही के चलते बढ़े मामले
देश के शीर्ष वैज्ञानिक ने कहा कि टीके और अन्य प्रकार की स्थिति के संदर्भ में रणनीति में बदलाव के साथ तैयार होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि कम ऐहतियाती उपाय, पहली लहर से आबादी में कम प्रतिरक्षा के चलते दूसरी लहर अधिक तीव्र हो रही है और इससे अभी तक देश भर में हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी है और लाखों लोग संक्रमित हुए हैं।
हजारों लोगों ने गंवाई जान
विजयराघवन ने कहा कि दो कारकों के कारण पहली लहर में गिरावट आई। जैसे-जैसे संक्रमण बढ़ा, वैसे-वैसे संक्रमित लोगों में प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती गई। चूंकि इस स्तर पर हर किसी ने सावधानी बरती संक्रमण कम फैला। लेकिन जैसे-जैसे सावधानी में कमी आई संक्रमण के नए अवसर उत्पन्न हुए और आबादी के बीच प्रतिरक्षा का स्तर अक्सर संक्रमण फैलने से रोकने के लिए पर्याप्त नहीं होता है।’’