Edited By Pardeep,Updated: 16 Mar, 2020 01:17 AM
प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एस ए बोबडे ने रविवार को स्पष्ट कर दिया कि कोरोना वायरस महामारी के चलते अदालतों को ‘‘पूरी तरह से बंद'''' नहीं किया जा सकता। सीजेआई ने वर्तमान स्थिति की चर्चा करने और इस खतरनाक रोग को फैलने से रोकने...
नई दिल्लीः प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एस ए बोबडे ने रविवार को स्पष्ट कर दिया कि कोरोना वायरस महामारी के चलते अदालतों को ‘‘पूरी तरह से बंद'' नहीं किया जा सकता। सीजेआई ने वर्तमान स्थिति की चर्चा करने और इस खतरनाक रोग को फैलने से रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा के लिए उच्चतम न्यायालय के चार न्यायाधीशों, सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स आन रिकार्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए) के बार नेताओं, नई दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया सहित प्रमुख चिकित्सकों के साथ एक बैठक की।
एससीएओआरए ने अपनी एक विज्ञप्ति में कहा कि न्यायाधीश बोबडे ने शीर्ष अदालत को बंद करने की संभावना से इनकार किया और कहा कि चूंकि ‘वर्चुअल कोर्ट' शुरू होने के करीब हैं, ऐसे में वर्तमान समय में केवल सीमित रूप से बंद किया जाना ही संभव हो सकता है। बयान में कहा गया, ‘‘बैठक की अध्यक्षता भारत के प्रधान न्यायाधीश ने की, इसके अलावा इसमें न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति यू यू ललित, न्यायूमूर्ति डी वाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव भी थे।''
बयान में कहा गया कि सीजेआई ने बार से अनुरोध किया कि विशेषज्ञों द्वारा सुझाये गए सुरक्षा उपायों का पालन सुनिश्चित किया जाए। बार ने कहा कि बैठक के बाद चिकित्सकीय विशेषज्ञों द्वारा एक मेडिकल परामर्श जारी किया गया। इस बीच, पटना से प्राप्त एक खबर के मुताबिक पटना उच्च न्यायालय ने रविवार को कहा कि वह इस महीने के अंत तक सिर्फ नियमित जमानत याचिकाओं और तत्काल सुनवाई योग्य विषयों की ही सुनवाई करेगा। वहीं, गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने अपने कामकाज के दौरान अदालत कक्ष में वकीलों और पक्षकारों की उपस्थिति सीमित करने और अगले आदेश तक सिर्फ तत्काल सुनवाई योग्य विषयों की ही सुनवाई करने का फैसला किया।