जानें क्या है होम आइसोलेशन वालों के लिए दिल्ली सरकार का प्लान ?

Edited By Murari Sharan,Updated: 09 May, 2020 09:55 AM

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दिल्ली में कोरोना मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या के बीच दिल्ली सरकार ने होम आइसोलेशन में रखे जाने वाले मरीजों के लिए एक्शन प्लान जारी कर दिया है। सरकार ने हल्के या दिखाई नहीं देने वाले कोरोना लक्षण के मरीजों को होम आइसोलेशन में रखने और घर पर ही...

नई दिल्ली/डेस्क। दिल्ली में कोरोना मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या के बीच दिल्ली सरकार ने होम आइसोलेशन में रखे जाने वाले मरीजों के लिए एक्शन प्लान जारी कर दिया है। सरकार ने हल्के या दिखाई नहीं देने वाले कोरोना लक्षण के मरीजों को होम आइसोलेशन में रखने और घर पर ही सुविधा देने के लिए प्रत्येक जिले को 5 हिस्से में विभाजित कर 5 स्वास्थ्य सेंटर बनाने की योजना तैयार की है। हर सेंटर पर एक इंचार्ज और 2 स्वास्थ्य कर्मी तैनात रहेंगे। 2 सदस्यीय स्वास्थ्यकर्मियों की टीम मरीजों के घर पहुंचकर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराएगी। 

हर जिले को 5 हिस्सों में बाटंगे
स्वास्थ्य निदेशालय के अनुसार प्रत्येक जिले को 5 हिस्से में बांटकर प्रत्येक हिस्से के लिए एक मेडिकल सेंटर चिन्हित किया जाएगा। यह सेंटर मरीजों को इलाज मुहैया कराने के लिए नोडल प्वाइंट की तरह काम करेगा। सेंटर के इंचार्ज को डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस अधिकारी द्वारा कोराना इलाज के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रत्येक जिले में 10 लोगों को इंचार्ज बनने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि हर जिले में पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित इंचार्ज सभी सेंटर की मानिटरिंग कर सकें। 

 

एएनएम और आशा को किया जाएगा प्रशिक्षित
इस गाइडलाइन के तहत प्रत्येक हेल्थ सेंटर को 2 एएनएम/आशा कर्मचारी या कोई अन्य हेल्थ वर्कर को प्रशिक्षित करना होगा। 2 सदस्य की टीम को ऑटो द्वारा कोरोना पाजिटिव मरीज के घर पहुंचना होगा। ऑटो  को 2 सदस्यीय स्वास्थ्य टीम के साथ घूमने के लिए जिला स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा अधिकृत किया जाएगा। रोजाना ऑटो चालक को 1200 रूपए दिए जाएंगे। इस स्वास्थ्य टीम को थर्मल स्कैनर, पल्स ऑक्सीमीटर, एन- 95 मास्क,ग्लोव्स व सैनिटाइजर दिया जाएगा। कोरोना मरीज को स्वास्थ्यकर्मी के आने की पहले सूचना दी जाएगी। फिर ऑटो चालक दोनों स्वास्थ्यकर्मी को घर से बिठाकर कोरोना मरीज के घर तक ले जाएगा।

 

मरीज के परिवार को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा
दोनों स्वास्थ्यकर्मी देखेंगे कि मरीज के लिए अलग कमरा है या नहीं और घर में कोई अन्य ज्यादा बीमार व्यक्ति तो नहीं है। अगर घर के सदस्यों की कोरोना जांच करानी जरूरी है तो टीम ही तय करेगी। मरीज को डॉक्टर से जांच के लिए यही टीम तय करेगी। कोराना पॉजिटिव मरीज को अस्पताल भेजने की जरूरत है या नहीं, इसी टीम के जिम्मे होगा। मरीज के परिवार को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा। मरीज के घर के बाहर स्टिकर लगाया जाएगा। इसके बाद यही टीम प्रतिदिन टेलिफोन से मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी लेगी।  

 

डॉक्टर करेगा कोरोना निगेटिव की घोषणा
मरीज के घर पहुंचकर स्वास्थ्य संबंधी पूरी जानकारी दोनों स्वास्थ्यकर्मी अपने इंचार्ज को रात 10 बजे तक देंगे। जिन मरीजों के घर अगले दिन जाना है, इन टीमों को प्रतिदिन जानकारी दी जाएगी। बता दें कि कोरोना के ऐसे मरीज जिनके लक्षण गंभीर नहीं है होम आइसोलेशन में रहेंगे। हेल्थ वर्कर तय करेंगे कि मरीज के घर में अलग रहने के लिए सुविधा है। सिर्फ एक व्यक्ति 24 घंटे मरीज की देखभाल करेगा। मरीज की देखभाल करने वाला व्यक्ति अस्पताल के संपर्क में भी रहेगा। कोरोना मरीज भी प्रतिदिन डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस अधिकारी को सूचना देंगे। अगर लगातार 2 जांच में मरीज कोरोना निगेटिव नहीं पाया गया तो होम आइसोलेशन की अवधि बढ़ा दी जाएगी। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की स्थिति में पर्याप्त सुधार होने पर डॉक्टर द्वारा मरीज का टेस्ट कराया जाएगा। टेस्ट की रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आने के बाद डॉक्टर मरीज को कोरोना संक्रमण से मुक्त घोषित करेगा।

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