Edited By Riya bawa,Updated: 03 Apr, 2020 11:32 AM
हाल ही में देश में ऐसे कई मामले सामने आए है जिसमें लोग कोरोना से मरने वालों हाल ही में देश में ऐसे कई मामले सामने आए है जिसमें लोग कोरोना से मरने वालों के संस्कार से डरते नज़र आ रहे है। उन्हें डर है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण से मरे...
नई दिल्ली: हाल ही में देश में ऐसे कई मामले सामने आए है जिसमें लोग कोरोना से मरने वालों के संस्कार से डरते नज़र आ रहे है। उन्हें डर है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण से मरे व्यक्ति की डेडबॉडी जलाने या दफनाने से COVID-19 का संक्रमण फैल सकता है। इस बारे में जब WHO और डॉक्टरों से कई सवाल पूछे गए जैसे क्या कोरोना पीड़ित की डेडबॉडी को जलाने या दफनाने से संक्रमण फैलने का खतरा है या नहीं और अगर खतरा है तो फिर ऐसे लोगों की डेडबॉडी का अंतिम संस्कार कैसे किया जाए। इस पर WHO ने एक रिपोर्ट जारी की जिसके अनुसार
1 . अगर डेडबॉडी को इलेक्ट्रिक मशीन, लकड़ी या सीएनजी से जलाया जाता है तो जलते समय आग की तापमान 800 से 1000 डिग्री सेल्सियस होगा, ऐसे में कोई भी वायरस जीवित रहेगा।
2 . अगर डेडबॉडी को दफनाने की जगह और पीने के पानी के स्त्रोत में 30 मीटर या उससे अधिक की दूरी है तो कोई खतरा नहीं होगा।
3. इसके आलावा WHO की 'संक्रमण रोकथाम, महामारी नियंत्रण और स्वास्थ्य देखभाल में महामारी प्रवृत तीव्र श्वसन संक्रमण' पर गाइडलाइंस में शव को आइसोलेशन रूम या किसी क्षेत्र से इधर-उधर ले जाने के दौरान शव के फ्लूइड्स के सीधे संपर्क में आने से बचने के लिए निजी सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करने की भी सलाह दी है।