Edited By Anil dev,Updated: 01 Sep, 2020 11:24 AM
कोविड-19 की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अधीन आने वाले शिक्षा विभाग ने निजी-सहायता प्राप्त स्कूलों को निर्देश दिया है कि कोविड-19 की अवधि के दौरान केवल ट्यूशन फीस ही लें। लॉकडाउन और किसी अन्य मद के तहत चार्ज नहीं लेंगे।
नई दिल्ली: कोविड-19 की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अधीन आने वाले शिक्षा विभाग ने निजी-सहायता प्राप्त स्कूलों को निर्देश दिया है कि कोविड-19 की अवधि के दौरान केवल ट्यूशन फीस ही लें। लॉकडाउन और किसी अन्य मद के तहत चार्ज नहीं लेंगे। इसी के साथ यह भी निर्देश दिया गया है कि लॉकडाउन की समाप्ति के बाद मासिक आधार पर वार्षिक और विकास शुल्क आनुपातिक रूप से वसूला जा सकता है। सरकार को हाल में कोविड -19 महामारी के कारण स्कूल बंद होने के बावजूद अभिभावकों से कई अन्य शुल्क वसूलने की कई शिकायतें मिली हैं। शिक्षा निदेशालय ने उन सभी स्कूलों को आदेश दिया है कि ट्यूशन फीस के अलावा वसूले गए अतिरिक्त फीस को तुरंत वापस करें। इससे पहले 17 अप्रैल और 18 अप्रैल को दिल्ली सरकार ने निर्देश दिया था, अब दिल्ली सरकार के ताजा आदेश में निजी स्कूलों को यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया गया है।
ट्यूशन फीस के अलावा नहीं देना कोई शुल्क
लॉकडाउन अवधि के दौरान माता-पिता को सभी निजी,सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त स्कूलों को ट्यूशन फीस के अलावा कोई शुल्क नहीं देना है। वार्षिक और विकास शुल्क माता-पिता से लिया जा सकता है, लेकिन लॉकडाउन की अवधि पूरी होने के बाद केवल मासिक आधार पर ले सकते हैं । स्कूल खुलने के दौरान अभिभावकों से कोई परिवहन शुल्क आदि नहीं लिया जाएगा। किसी भी स्थिति में स्कूल माता-पिता या छात्रों से परिवहन शुल्क की मांग नहीं करेंगे। इसका मतलब है कि फीस केवल मासिक आधार पर एकत्र की जाएगी। शिक्षा विभाग से निजी स्कूल को यह आदेश दे दिए हैं। आदेश में आगे निर्देश दिया गया है कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में किसी भी शुल्क को बढ़ाया नहीं जाएगा, जब तक की इस तथ्य के बावजूद कि विद्यालय निजी भूमि या डीडीए या अन्य सरकारी भूमि के स्वामित्व वाली एजेंसियों द्वारा आवंटित भूमि पर चल रहा है या नहीं। किसी भी शुल्क वृद्धि से पहले निदेशक शिक्षा की मंजूरी लेने की शर्त के साथ डीडीए या अन्य सरकारी भूमि के स्वामित्व वाली एजेंसियों के स्वामित्व वाली भूमि पर चल रहे स्कूल उपर्युक्त शुल्क को निदेशक शिक्षा द्वारा अनुमोदित अंतिम शुल्क संरचना के आधार पर एकत्र करेंगे। स्कूल बिना किसी भेदभाव के सभी छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा सामग्री या कक्षाएं प्रदान करेंगे।
ऑनलाइन पहुंच के लिए आईडी और पासवर्ड प्रदान करना होगा
स्कूलों को शिक्षण सामग्री तक ऑनलाइन पहुंच के लिए आईडी और पासवर्ड प्रदान करना होगा। आदेश में निर्देश दिया गया है कि स्कूलों के प्रिंसिपल किसी भी स्थिति में उन छात्रों के माता-पिता को आईडी और पासवर्ड से वंचित नहीं करेंगे जो उन छात्रों को ऑनलाइन शैक्षिक सुविधा/कक्षाएं सामग्री आदि प्राप्त करने के लिए हैं, जो वित्तीय संकट के कारण स्कूल शुल्क का भुगतान करने में असमर्थ हैं। स्कूलों या स्कूलों के प्रमुखों की प्रबंध समिति शुल्क का कोई नया प्रारूप बनाकर अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं डालेगी। स्कूल न तो फंड की अनुपलब्धता के नाम पर स्कूल के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को कुल वेतन को कम करने के लिए मासिक वेतन का भुगतान रोक देंगे और न ही समाज या ट्रस्ट चलाने से किसी कमी के मामले में धन की व्यवस्था करेंगे। आदेश में कहा गया है कि छात्रों के माता-पिता से ही नहीं, बल्कि अन्य लोगों से भी कई शिकायतें मिल रही हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि दिल्ली के कई निजी गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों ने वार्षिक शुल्क, विकास जैसे ट्यूशन फीस के अलावा कई अन्य मदों के तहत चार्ज करना शुरू कर दिया है।
निर्देशों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई
दिल्ली सरकार द्वारा 18 अप्रैल को जारी किए गए निर्देशों का अनुपालन करने के लिए, इसकी समग्रता में यदि किसी निजी मान्यता प्राप्त स्कूल ने 18 अप्रैल को आदेश के उल्लंघन में ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क/राशि ली है तो तुरंत वापस या समायोजित किया जाए। यह फिर से दोहराया गया है कि 18 अप्रैल के आदेश के उल्लंघन में ट्यूशन शुल्क या ट्यूशन शुल्क में किसी भी बढ़ी हुई राशि के अलावा कोई भी राशि किसी भी निजी स्कूल द्वारा चार्ज नहीं की जाएगी। ट्यूशन शुल्क ही ले सकते हैं। आदेश का उल्लघंन करने पर कानून के तहत डिफॉल्टर घोषित कर कार्रवाई होगी।