Edited By Anil dev,Updated: 30 Jul, 2020 10:19 AM
विभागीय पोर्टल पर कोरोना संक्रमित मरीजों की जानकारी समय से अपलोड नहीं की जा रही है। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग को संक्रमित मरीजों की स्थिति का पता ही नहीं चल पा रहा है। स्थिति यह है कि मंगलवार को जिले में 83 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई थी।
गाजियाबाद: विभागीय पोर्टल पर कोरोना संक्रमित मरीजों की जानकारी समय से अपलोड नहीं की जा रही है। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग को संक्रमित मरीजों की स्थिति का पता ही नहीं चल पा रहा है। स्थिति यह है कि मंगलवार को जिले में 83 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई थी। लेकिन इसमें से 11 मरीज ऐसे थे, जिन्हें भर्ती भी नहीं किया गया और वह अपना इलाज कराकर डिस्चार्ज भी हो गए। संदिग्ध मरीजों द्वारा सरकारी एवं प्राइवेट स्तर पर कोरोना की जांच करा सकता है। मरीज में कोरोना की पुष्टि होने पर उसकी जानकारी प्राइवेट लैब द्वारा विभागीय पोर्टल पर अपलोड करना होता है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मरीजों की जानकारी समय से अपलोड नहीं की जा रही है।
समय से अपलोड नहीं होने पर मरीज भर्ती हो चुके है तो कहीं डिस्चार्ज होकर घर जा चुके हैं और स्वास्थ्य विभाग मरीजों की जानकारी से बेखबर है। मंगलवार को 83 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई थी। विभागीय सूत्रों की मानें तो इसमेंं 74 मरीजों की ही स्वास्थ्य विभाग को जानकारी लग सकीं। जबकि नौ मरीजों का पता नहीं चल पाया।16 मरीजों को स्वास्थ्य विभाग ने कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। 18 मरीजों को होम आइसोलेट किया गया। जबकि 20 मरीज पहले से ही अस्पताल में भर्ती थे। 11 मरीज ऐसे थे, जो पहले ही डिस्चार्ज हो चुके थे। वहीं दो मरीजों का इलाज अन्य जिले के अस्पतालों में चल रहा था। साथ ही पांच मरीज पोर्टल पर दोबारा रिपीट किए गए थे। वहीं वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है पोर्टल पर मरीज संबंधी रिपोर्ट देरी से देने की जानकारी लगी थी, इस संबंध में समय से रिपोर्ट देने के निर्देश दिए जाएंगे।
पता,मोबाइल नंबर गलत देना का सिलसिला जारी
कोरोना टेस्ट कराने वाले संदिग्ध मरीजों द्वारा जांच कराने के दौरान अपना पता व मोबाइल नंबर गलत देना का सिलसिला अभी भी जारी है। क्योंकि 28 जुलाई को 83 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई। जिसमें 74 मरीजों की जानकारी लग सकी, लेकिन नौ मरीज ऐसे थे, जिनका पता नहीं चल सका। विभागीय सूत्रों की मानें तो जब इनके पता व मोबाइल नंबर से जानकारी ली गई तब वह सहीं नहीं मिली।