Edited By vasudha,Updated: 25 Mar, 2020 11:47 AM
पूरी दुनिया में दहशत फैलाने वाले कोरोना वायरस के खिलाफ आज पूरा भारत एकजुट हो गया है। हर कोई इससे बचाव के लिए सावधानी बरत रहा है। इस संकट की घड़ी में अफवाहें भी तेजी से फैल रही है। इन दिनों एक अफवाह यह भी है कि अखबार छूने से कोरोना फैलता है, हालांकि...
नेशनल डेस्क: पूरी दुनिया में दहशत फैलाने वाले कोरोना वायरस के खिलाफ आज पूरा भारत एकजुट हो गया है। हर कोई इससे बचाव के लिए सावधानी बरत रहा है। इस संकट की घड़ी में अफवाहें भी तेजी से फैल रही है। इन दिनों एक अफवाह यह भी है कि अखबार छूने से कोरोना फैलता है, हालांकि यह सच नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) सहित सरकार ने इसे अफवाह करार दिया है।
केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने ट्वीट कर लिखा कि अफवाहों पर विश्वास न करें। समाचार पत्र पढ़ने से #CORONA नहीं होता। समाचार पत्र और कोई भी काम करने के बाद साबुन से हाथ धोना है इतना ही नियम है। समाचार पत्रों से हमें सही खबरें मिलती है। इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने भी साफ किया था कि पेपर या पैकेज को रिसीव करना सेफ है। अखबार के कारण कोरोना नहीं फैलता है। अखबार से संक्रमित होने की संभावना बिल्कुल कम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह अलग-अलग तापमान और प्रोसेस से गुजरता है। इसीलिए इसके फैलने या रुकने की संभावना बिल्कुल ही कम है।
वहीं अमेरिका की भी एक मेडिकल इंस्टिट्यूट ने कहा कि अखबार से कोरोना फैलने की संख्या न के बराबर ही है। अखबार जैसी सतह पर कोरोना का सर्वाइव करना आसान नहीं है। इसलिए हमारी अपील है कि डरिए मत, सुरक्षित रहिए। बता दें कि पीएम मोदी ने मंगलवार को अपने संबोधन में कहा था कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में निराशावाद, नकारात्मकता से निपटना और अफवाहों को रोकना अधिक महत्वपूर्ण है। लोगों को आश्वस्त करने की जरूरत है कि सरकार कोविड-19 के प्रभाव से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है।