Edited By Anil dev,Updated: 01 Sep, 2020 02:14 PM
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक कोरोना वायरस की महामारी कई किसानों के लिए मुश्किल समय लेकर आई है और इससे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के लाखों लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा का संकट पैदा हो गया है। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञ मंगलवार को शुरू हो रहे ऑनलाइन...
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक कोरोना वायरस की महामारी कई किसानों के लिए मुश्किल समय लेकर आई है और इससे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के लाखों लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा का संकट पैदा हो गया है। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञ मंगलवार को शुरू हो रहे ऑनलाइन कांफ्रेंस में इसी मुद्दे पर मंथन करेंगे। वे भुखमरी के उन्मूलन और एशिया-प्रंशात क्षेत्र में स्थिति को बिगडऩे से रोकने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। यह चुनौती महामारी और लाखों नौकरियां खत्म होने से दोगुनी हो गई है।
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने पूर्वानुमान लगाया कि इस साल कोरोना वायरस की महामारी की वजह से दुनिया भर में कुपोषित लोगों की संख्या में 13.2 करोड़ की वृद्धि होगी जबकि अत्यंत कुपोषित बच्चों की संख्या में भी 67 लाख की वृद्धि होगी। एफएओ के महानिदेशक क्यू दोंगयू ने डिजिटल बैठक से पहले टिप्पणी की, हम दो महामारी का सामना कर रहे हैं। कोविड-19 स्वास्थ्य के नुकसान से परे जीविकोपार्जन को कुचल रही है और भूख को बढ़ा रही है जो इस दशक के अंत तक भुखमरी को खत्म करने के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के संकल्प पर कुठाघात है।
बैठक से पहले तैयार रिपोर्ट में एफएओ ने कहा कि महामारी, कारोना और यात्रा पर रोक की वजह से फसलों की कटाई नहीं हो सकी क्योंकि असहाय प्रवासी मजदूर अपने काम पर नहीं जा सके, कृषक परिवार द्वारा पशुधन बेचने और उपकरणों को लाने के लिए परिवहन आदि की व्यवस्था करने में व्यवधान उत्पन्न हुआ।