Edited By Seema Sharma,Updated: 18 Jun, 2021 01:56 PM
कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर अब धीरे-धीरे कम हो रहा लेकिन संकट टल गया है ऐसा नहीं है। देश पर अब भी कोरोना का संकट है और हर दिन हजारों की तादाद में कोरोना केस आ रहे हैं। इसी बीच गुजरात में कोरोना को लेकर नया खुलासा हुआ है। गुजरात की सबसे...
नेशनल डेस्क: कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर अब धीरे-धीरे कम हो रहा लेकिन संकट टल गया है ऐसा नहीं है। देश पर अब भी कोरोना का संकट है और हर दिन हजारों की तादाद में कोरोना केस आ रहे हैं। इसी बीच गुजरात में कोरोना को लेकर नया खुलासा हुआ है। गुजरात की सबसे महत्वपूर्ण साबरमती नदी में कोरोना मिलने की खबर है। दरअसल साबरमती के पानी के सैंपल लिए गए थे, जिसमें 25 फीसदी में कोरोना संक्रमण मिला है जोकि काफी चिंता का कारण है।
साबरमती नदी के अलावा अहमदाबाद के दो बड़े तालाब (कांकरिया, चंदोला) में भी कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए हैं। प्राकृतिक जल में कोरोना का होना किसी बड़ी चिंता से कम नहीं है। IIT गांधीनगर के पृथ्वी और विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मनीष कुमार ने बताया कि साबरमती के पानी के सैंपल 3 सितंबर से 29 दिसंबर 2020 तक हर हफ्ते लिए गए थे। सैंपल लेने के बाद जांच की गई तो पाया कि इसमें कोरोना वायरस के संक्रमित जीवाणु हैं।
मनीष कुमार के मुताबिक, साबरमती नदी से 694, कांकरिया तालाब से 549 और चंदोला तालाब से 402 सैंपल लेकर जांच की गई थी सभी में वायरस के संक्रमण है। इस रिपोर्ट के बाद अब माना जा रहा है कि प्राकृतिक जल में वायरस जिंदा रह सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि देश के सभी प्राकृतिक जल स्त्रोत की जांच होनी चाहिए।