Edited By Riya bawa,Updated: 03 Apr, 2020 02:56 PM
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच अमेरिका में हुई स्टडी में एक चौंकाने वाली बात सामने आयी थी कि टीबी (यक्ष्मा/तपेदिक) जैसी...
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच अमेरिका में हुई स्टडी में एक चौंकाने वाली बात सामने आयी थी कि टीबी (यक्ष्मा/तपेदिक) जैसी गंभीर बीमारी से बचाव के लिए नवजात शिशु को दिया जाने वाला बीसीजी का टीका कोरोना वायरस संक्रमण में सुरक्षा के तौर पर काफी सहायक हो सकता है।
ये सामने आया था अध्यन में
न्यूयॉर्क इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के डिपार्टमेंट ऑफ बायोमेडिकल साइंसेस की ओर से बीसीजी टीकाकरण वाली आबादी पर कोरोना संक्रमण के असर का विश्लेषण करने के लिए यह स्टडी की गई थी। इसमें पाया गया कि बिना बीसीजी टीकाकरण वाले देशों जैसे इटली, अमेरिका, लेबनान, नीदरलैंड और बेल्जियम की तुलना में भारत, जापान, ब्राजील जैसे बीसीजी टीकाकरण वाले देशों में कोरोना संक्रमण और उससे हुई मौत के मामले कम हैं। हालांकि चीन में भी बीसीजी टीकाकरण पॉलिसी है, लेकिन चूंकि कोरोना वायरस की शुरुआत वहीं से हुई, इसलिए इस स्टडी में चीन को अपवाद माना गया।
प्राथमिक अनुसंधान पर अभी कुछ कहना जल्दबाज़ी
हालांकि इस शोध पर भारत के डॉक्टरों ने विस्तृत अध्ययन की जरूरत बताई है। भारत में यह टीका बच्चे के जन्म के बाद टीकाकरण कार्यक्रम के तहत दिया जाता है। फेफड़ों की सर्जरी के विशेषज्ञ अरविंद कुमार के अनुसार बीसीजी टीकाकरण और कोरोना वायरस में कुछ संबंध तो है, लेकिन दोनों में सीधा संबंध है, अभी ऐसा कहना जल्दबाजी होगी।
इन आकड़ो के आधार पर किया है शोध
इस स्टडी के मुताबिक कोरोना संक्रमण और उससे हुई मौत के मामले उन देशों में अधिक हैं, जहां बीसीजी टीकाकरण की पॉलिसी या तो नहीं है या फिर बंद हो गई है। वहीं, जिन देशों में बीसीजी टीकाकरण अभियान चल रहा है, वहां कोरोना संक्रमण और मौत के मामले अपेक्षाकृत कम हैं।