Edited By Riya bawa,Updated: 05 Apr, 2020 10:40 AM
कोरोना वायरस का प्रकोप आए दिन बढ़ रहा है। इस पर दुनिया भर के वैज्ञानिक और डॉक्टर्स शोध...
नई दिल्ली: कोरोना वायरस का प्रकोप आए दिन बढ़ रहा है। इस पर दुनिया भर के वैज्ञानिक और डॉक्टर्स शोध कर रहे है पर अभी तक इसका इलाज़ ढूंढ़ने में कोई सफल नहीं हो पाया है। पूरी दुनिया के अभीतक लाखों लोग प्रभावित हो चुके हैं परन्तु हाल ही के एक शोध में पता चला है कि यह वायरस गले और फेफड़े के साथ दिमाग को भी प्रभावित करने लगा है।
कई दुर्लभ लक्षण दे रहे है दिखाई
संक्रमण का असर मरीज के बोलने की क्षमता पर पड़ रहा है और दिमाग में सूजन के कारण सिरदर्द बढ़ रहा है। ऐसे कई दुर्लभ मामले सामने आ रहे हैं इनके अलावा गंध सूंघने और अलग-अलग स्वाद को पहचानने की क्षमता भी घट रही है। दुनिया के कई न्यूरोलॉजिस्ट ने इस बात की पुष्टि की है कि ये वायरस दिमाग को भी प्रभावित कर रहा है। विशेषज्ञ इसे ब्रेन डिसफंक्शन कह रहे हैं ये वायरस दिमाग को इस प्रकार प्रभावित कर रहा है कि मरीज अपने बोलने की क्षमता तक खो बैठता है।
दिमाग में खून और दिल की बीमारियों के बढ़ने का भी अंदेशा
इटली की ब्रेसिका यूनिवर्सिटी के हॉस्पिटल से जुड़े डॉ. एलेसेंड्रो पेडोवानी के मुताबिक, कोरोना के मरीजों में ऐसा ही बदलाव इटली और दुनिया के दूसरे हिस्से डॉक्टरों ने भी नोटिस किया। इसमें ब्रेन स्ट्रोक, दिमागी दौरे, एनसेफेलाइटिस के लक्षण, दिमाग में खून के थक्के जमना, सून्न हो जाना जैसी स्थिति शामिल हैं। कुछ मामलों में कोरोना का मरीज बुखार और सांस में तकलीफ जैसे लक्षण दिखने से पहले ही बेसुध हो जाता है। इटली में ऐसे मरीजों के लिए अलग से न्यूरो-कोविड यूनिट शुरू की गई है।