Edited By Riya bawa,Updated: 11 Apr, 2020 06:00 PM
टीबी की जांच में इस्तेमाल होने वाली मशीनों से कोरोना की जांच को मंजूरी दे...
नई दिल्ली : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने टीबी की जांच में इस्तेमाल होने वाली मशीनों से कोरोना की जांच को मंजूरी दे दी है। इससे पहले आईसीएमआर ने रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट को मंजूरी दी थी। कोरोना वायरस संक्रमण की जांच की क्षमता बढ़ाने की कोशिशों के तहत दवा-प्रतिरोधी (डी-आर) टीबी की जांच के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीन का इस्तेमाल होगा। अनुसंधान इकाई ने शुक्रवार को कहा, ट्रूलैबटीएम वर्कस्टेशन पर ट्रूनैटटीएम बीटा सीओवी जांच को मान्यता दी है और उसने इसकी स्क्रीनिंग टेस्ट के तौर पर सिफारिश की है।
नए निर्देश किए जारी
इस सिलसिले में एक दिशानिर्देश जारी करते हुए आईसीएमआर ने कहा कि गले-नाक का स्वाब किट के साथ उपलब्ध वायरस लायसिस बफर से 'वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम (वीटीएम) में एकत्र किया जाएगा। पूर्व के शोध के मुताबिक वायरस लाइसिस बफर ने निपाह और एच1एन1 को नियंत्रित किया है।
बनेगा प्रोटोकॉल
भारत स्वास्थ्य के लिए लाभकारी प्लाज्मा थेरेपी के परीक्षण के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने के अंतिम चरण में है। भारतीय आयर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। प्लाज्मा थेरेपी के तहत उपचारित मरीजों के खून में से एटीबॉडी लेकर उनका इस्तेमाल गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 के मरीजों के इलाज में किया जाएगा। इससे उम्मीद की जा रही है कि कोरोना वायरस के टेस्ट प्रक्रिया को रफ्तार मिलेगी।