Edited By Anil dev,Updated: 15 Jun, 2020 02:59 PM
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत भावी आव्रजकों का कुशलक्षेम सुनिश्चित करने के लिए विदेशी सरकारों के साथ बातचीत कर रहा है और विदेशों में मौजूद भारतीयों प्रतिभाओं पर कोविड-19 के नकारात्मक अर्थिक प्रभाव को कम करने पर ध्यान केन्द्रित कर...
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत भावी आव्रजकों का कुशलक्षेम सुनिश्चित करने के लिए विदेशी सरकारों के साथ बातचीत कर रहा है और विदेशों में मौजूद भारतीयों प्रतिभाओं पर कोविड-19 के नकारात्मक अर्थिक प्रभाव को कम करने पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है। जयशंकर ने प्रोटेक्टर्स ऑफ इमीग्रेंट्स के सालाना सम्मेलन के तीसरे सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि आव्रजकों के रक्षकों को कोविड से उबरने के बाद की अर्थव्यवस्था की समीक्षा करने और कोविड से उबरने के बाद की दुनिया से सहयोग जैसी चुनौतियों तक के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने पिछले छह वर्षों में उत्प्रवासी भारतीयों के हितों के बढ़ावा देने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य भावी प्रवासियों को बेहतर अवसर मुहैया कराना रहा है। विदेश मंत्री ने कहा कि इसलिए सरकार दूसरे देशों की सरकारों के साथ प्रवास और आवागमन समझौतों के जरिए यात्रा की सुगमता और अवसर मुहैया कराने के लिए लगातार बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा, फिलहाल हम यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं कि विदेश में मौजूद हमारी प्रतिभा और कौशल पर महामारी के नकारात्मक आर्थिक परिणामों को कम किया जा सके। यह न सिर्फ हमारे विभिन्न द्विपक्षीय संबंधों की गुणवत्ता से प्रभावित है बल्कि हम अपने साझेदारों के साथ स्वास्थ्य और आर्थिक जरूरतों के संबंध में जो सहयोगात्मक रवैया दिखाते आए हैं, उससे भी प्रभावित है। उन्होने कहा कि अनेक भारतीय कई वर्षों तक विदेशों में सेवाएं देने के बाद उन्नत कौशल और क्षमताओं के साथ लौटे हैं, वे देश के विकास में सहयोग देंगे।