Edited By Riya bawa,Updated: 01 Apr, 2020 07:41 PM
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच रोजाना कई मिथक और अफवाहें भी फ़ैल रही है। इस से लोगो में खौफ भी बढ़ रहा है,ऐसे समय में ये जानना बहुत जरूरी है कि सच है और क्या झूठ...
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच रोजाना कई मिथक और अफवाहें भी फ़ैल रही है। इस से लोगो में खौफ भी बढ़ रहा है,ऐसे समय में ये जानना बहुत जरूरी है कि सच है और क्या झूठ।
अफवाह : कोरोना वायरस मच्छर के काटने से फैल सकता है
सच्चाई : अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है कि कोरोना वायरस मच्छर के काटने से फैल सकता है। यह श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाला वायरस है, जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने के दौरान दूसरे व्यक्ति तक पहुंचता है।
अफवाह : हैंड ड्रायर्स वायरस को मारने में सक्षम हैं।
सच्चाई : यह महज भ्रम है, कि नावेल कोविड-19 पर तापमान का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हाथों की अच्छी तरह से सफाई करने के बाद उन्हें साफ तौलिये से पोछें और हैंड ड्रायर्स से अच्छी तरह सुखा लें। इस से संक्रमण का खतरा कम हो सकता है।
अफवाह : वायरस धातु की सतह पर हमेशा जीवित रह सकता है।
सच्चाई : यह वायरस घर, दफ्तर और गाड़ी जैसी जगहों के अंदर मौजूद धातुओं की सतह पर 8 से 10 घंटों तक जीवित रह सकता है। लेकिन सामान्य स्थिति में यह 3 से 4 घंटे ही जिंदा रह सकता है। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि बाहर के वातावरण का तापमान बढ़ने से वायरस के फैलने की संभावना कम हो सकती है। लेकिन इस बात की पुष्टि के लिए फिलहाल कोई वैज्ञानिक साक्ष्य मौजूद नहीं है।
अफवाह : कोविड 19 हवा में फैलता है
सच्चाई : सही मायने में यह हवा से फैलने वाला संक्रमण नहीं है। जब संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तब उसके मुंह से बहुत छोटी-छोटी बूंदें निकलती हैं। ये बूंदें एक मीटर की दूरी तक पहुंच सकती हैं, जो किसी व्यक्ति से संपर्क होने पर उस तक इस घातक वायरस को पहुंचाती हैं। जब आप संक्रमित व्यक्ति के करीब होते हैं, तब इन छोटी-छोटी बूंदों के आपके चेहरे से चिपकने की संभावना ज्यादा रहती है। ये बूंदें किसी भी सतह पर चिपक सकती हैं और इस तरह वायरस कुछ घंटों तक सतह पर जीवित रहता है।