Edited By Anil dev,Updated: 08 Jul, 2020 04:57 PM
कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के मामलों के बढऩे के साथ-साथ इसकी रोकथाम, प्रबंधन और शरीर के विभिन्न अंगों पर इसके प्रभावों को लेकर दुनिया भर में अलग-अलग शोध किया जा रहे हैं।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के मामलों के बढऩे के साथ-साथ इसकी रोकथाम, प्रबंधन और शरीर के विभिन्न अंगों पर इसके प्रभावों को लेकर दुनिया भर में अलग-अलग शोध किया जा रहे हैं।
ऐसे ही ब्रिटेन में कोरोना संक्रमितों पर किये गये एक अध्ययन से यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि हल्के लक्षणों वाले संक्रमित मरीजों में संक्रमण के कारण गंभीर मानसिक समस्यायें उत्पन्न हो रही हैं। ब्रिटेन के 18 विभिन्न अस्पतालों तथा शोध संस्थानों से संबद्ध डॉक्टरों के इस शोध अध्ययन को ब्रेन नामक शोध पत्रिका में बुधवार को प्रकाशित किया गया। इन शोधकर्ताओं ने आगाह किया है कि कोरोना संक्रमण का उपचार कर रहे डॉक्टर संक्रमित मरीज में मानसिक समस्याओं को नजरअंदाज न करें।
कोविड-19 के कारण संक्रमितों में मस्तिष्क से संबंधित गंभीर और जानलेवा समस्यायें उत्पन्न हो रही हैं। ये समस्यायें कोरोना संक्रमण के हल्के लक्षणों वाले मरीजों तथा संक्रमण से उबर रहे मरीजों में पाई गई हैं। हल्के लक्षणों वाले संक्रमितों और संक्रमण से उबर रहे मरीजों में मस्तिष्क में सूजन, भ्रम से लेकर नसों के क्षतिग्रस्त होने और स्ट्रोक जैसी समस्यायें पायी गयी हैं। कुछ मामलों में संक्रमित मरीज का पहला और आखिरी लक्षण न्यूरोलॉजिकल ही रहा।