Edited By Yaspal,Updated: 04 May, 2020 05:38 PM
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमएआर) कोरोना वायरस के परीक्षण से जुड़े सटीक आंकड़े तेजी से हासिल करने के लिए आईबीएम की ‘वाटसन असिस्टेंट'' सेवा उपयोग कर रही है। यह आईबीएम की एक कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस-एआई) आधारित सेवा है। वाटसन...
नई दिल्लीः भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमएआर) कोरोना वायरस के परीक्षण से जुड़े सटीक आंकड़े तेजी से हासिल करने के लिए आईबीएम की ‘वाटसन असिस्टेंट' सेवा उपयोग कर रही है। यह आईबीएम की एक कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस-एआई) आधारित सेवा है। वाटसन असिस्टेंट एक वर्चुअल चैट सहायक सेवा है। यह आईसीएमआर के अंतिम दिशानिर्देशों के आधार पर जवाब देता है। साथ ही कोरोना वायरस का परीक्षण करने, परीक्षण के लिए नमूने जुटाने, जांच करने और डाटा को दर्ज करने से जुड़े आईसीएमआर के पुराने दिशानिर्देशों का वर्गीकरण भी करता जाता है।
आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि वायरस फैलने की वृद्धि दर को कम रखते हुए कोरोना वायरस के मरीजों का परीक्षण, पहचान और इलाज करना अहम है। उन्होंने कहा कि देशभर में जमीनी स्तर पर कोरोना वायरस का परीक्षण करने वाली टीमों को फैलाने के साथ ही आईबीएम के साथ साझेदारी से स्थानीय स्तर से सीधे और सटीक जानकारी आ सकेगी। इससे प्रणाली को स्वचालित तरीके से आंकड़ों को अद्यतन करने में मदद मिलेगी।
भार्गव ने कहा कि यह हमारी जांच टीमों को समय पर प्रविष्टियां भेजने और उनके जांच को विकसित करने, दिशानिर्देशों को नवीनीकृत करते रहने के जैसे मुख्य काम को प्राथमिकता देने में मदद करेगी। देशभर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 1,373 हो चुकी है।