Edited By Seema Sharma,Updated: 18 May, 2020 11:43 AM
मोदी सरकार ने लॉकडाउन 4.0 के बीच राज्य सरकारों को काफी रियायतें दी हैं लेकिन देशभर में धार्मिक स्थल बंद रहेंगे और इसके साथ ही सभी सार्वजनिक आयोजनों पर पाबंदी रहेगी। लॉकडाउन-4 के बीच अगले हफ्ते ईद भी आ रही है और लिहाजा इस दौरान किसी को ईदगाह या...
नेशनल डेस्कः मोदी सरकार ने लॉकडाउन 4.0 के बीच राज्य सरकारों को काफी रियायतें दी हैं लेकिन देशभर में धार्मिक स्थल बंद रहेंगे और इसके साथ ही सभी सार्वजनिक आयोजनों पर पाबंदी रहेगी। लॉकडाउन-4 के बीच अगले हफ्ते ईद भी आ रही है और लिहाजा इस दौरान किसी को ईदगाह या मस्जिद में जमा होने की इजाजत नहीं होगी। ऐसे में मुस्लिम समुदाय के ही कई लोगों का कहना है कि लॉकडाउन ने इस साल रमज़ान के महीने में मुस्लिम समुदाय को अच्छे से अल्लाह की इबादत करने और इस्लाम तथा इस्लाम की शिक्षाओं को बेहतर ढंग से पढ़ने और समझने का मौका दिया है। लॉकडाउन की वजह से इफ्तार दावतें, दोस्तों से मिलना, देर रात तक खरीदारी और मस्जिदों में नमाजों तथा तारावही (रात में पढ़ी जाने वाली विशेष नमाज़) की रौनक नहीं हैं।
रमज़ान के महीने के तीन हफ्ते गुजर चुके हैं और कोरोना वायरस को फैलने से रोकने की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन के कारण समुदाय के सदस्यों के पास कुरान की तिलावत (पाठ करना) करने, ऑनलाइन कुरान कक्षाओं में हिस्सा लेने और नमाज़ों पर तवज्जो देने का काफी वक्त है। गाजियाबाद में रहने वाले और पेशे से वकील 63 साल के तनवीर परवेज ने कहा कि मुझे लग रहा था कि इतनी सारी पाबंदियों की वजह से इस बार रमज़ान का महीना बेकार गुजरेगा, लेकिन यह काफी खास निकला, क्योंकि मैं अपने परिवार के साथ घर पर हूं और मजहबी बातों पर चर्चा कर रहा हूं तथा अंग्रेजी तर्जुमे के साथ कुरान की तिलावत कर रहा हूं। इसने मुझे जिंदगी का एक नया नजरिया दिया है।
परवेज ने कहा कि पहले रमज़ान में अदालत और इफ्तार के समय घर पहुंचने में वक्त निकल जाता था, लेकिन अब मैं अपनी पत्नी के साथ इफ्तार बना रहा हूं और यह परिवार को करीब लेकर आया है। मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष प्रो सलीम इंजीनियर ने कहा कि उनका संगठन अपने यूट्यूब चैनल पर कई धार्मिक कार्यक्रमों का प्रसारण कर रहा है और कुरान की आयतों तथा अहम इस्लामी मसलों का मतलब समझा रहा है। रज़मान इस्लामी कलेंडर का नौवां महीना है। इस महीने में मुस्लिम समुदाय के सदस्य सूरज निकलने से लेकर सूरज डूबने तक कुछ खाते पीते नहीं हैं। यह महीना ईद का चांद दिखने के साथ खत्म होता है। इस बार 24 या 25 मई को ईद हो सकती है।