Edited By shukdev,Updated: 03 Jan, 2019 05:34 PM
देश में बड़ी संख्या में स्टार्टअप्स, लघु एवं मझोले उपक्रमों का मानना है कि वर्ष 2019 में भ्रष्टाचार, अफसरशाही की अक्षमता, कर्ज और कोष जुटाना उनके लिए प्रमुख चुनौती होगी। नागरिक कार्य मंच लोकलसर्किल्स की एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। यह...
नई दिल्ली: देश में बड़ी संख्या में स्टार्टअप्स, लघु एवं मझोले उपक्रमों का मानना है कि वर्ष 2019 में भ्रष्टाचार, अफसरशाही की अक्षमता, कर्ज और कोष जुटाना उनके लिए प्रमुख चुनौती होगी। नागरिक कार्य मंच लोकलसर्किल्स की एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। यह रिपोर्ट 15,000 से अधिक स्टार्टअप्स, एसएमई तथा उद्यमियों की राय पर आधारित है। 45 प्रतिशत लोगों का कहना है कि नए साल में उनके समक्ष प्रमुख चुनौती भ्रष्टाचार और अफसरशाही की अक्षमता है। इसके बाद 37 प्रतिशत का कहना है कि कर्ज जुटाना प्रमुख चुनौती है जबकि 18 प्रतिशत ने कारोबार वृद्धि को प्रमुख चुनौती बताया।
हाल के समय में कई स्टार्टअप्स और एंजल निवेशकों ने एंजल कोषों पर कराधान को लेकर आयकर विभाग ने उन्हें मिले नोटिस पर चिंता जताई है। इस अध्ययन में शामिल 38 प्रतिशत लोगों का कहना था कि उन्हें कम से कम एक नोटिस मिल चुका है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अध्ययन में शामिल ज्यादातर लोगों का कहना है कि स्टार्टअप मूल्यांकन को लेकर आयकर अधिकारियों को शिक्षित करने की जरूरत है।