कोरोयना वायरस वैश्विक महामारी बनने की कगार पर, चीन के एक्शन पर दुनिया की नजर

Edited By Tanuja,Updated: 29 Jan, 2020 10:41 AM

could coronavirus outbreak become a global epidemic

चीन में फैले कोरोना वायरस का असर अब पूरी दुनिया में फैल गया है। भारत सिहत दुनिया के कई देश इसकी चपेट में आने के कारण ...

बीजिंगः चीन में फैले कोरोना वायरस का असर अब पूरी दुनिया में फैल गया है। भारत सिहत दुनिया के कई देश इसकी चपेट में आने के कारण यह वायरस वैश्विक महामारी के रूप में तबदील होने की कगार पर है। यह विश्व की सबसे घनी आबादी वाले देश चीन के सभी राज्यों में फैल चुका है और यहां से जा रहे यात्रियों के माध्यम से दूसरे देशों में इसने दस्तक दे दी है। अकेले चीन में करॉना ने 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 6000 लोग इसके प्रभाव में हैं। वहीं,अब तक जर्मनी, फ्रांस, साउथ कोरिया, जापान, नेपाल, थाइलैंड, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, सिंगापुर और वियतनाम, ब्रिटेन ने अपने देशों में करॉना के केस की पुष्टि हो चुकी है। जबकि भारत और पाकिस्तान सहित कई देश जहां इसकी पुष्टि नहीं हुई है वे चीन से आने वाले यात्रियों की विशेष निगरानी कर रहे हैं।

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हांगकांग यूनिवर्सिटी रिपोर्ट में Shocking दावा
हांगकांग यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने डब्ल्यूएचओ को वायरस के प्रसार को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश की है। उनका मानना है कि करॉना के संक्रमण में आए लोगों की संख्या 25 से 26 हजार हो सकती है। यूनिवर्सिटी के मेडिसिन डिपार्टमेंट के डीन गैबरियल लियुंग और विशेषज्ञ जोसेफ वु ने कहा कि हमें तैयार रहना होगा क्योंकि यह महामारी, वैश्विक महामारी बन सकती है। उल्लेखनीय है कि यह एक संक्रामक रोग है और उससे बचने के लिए हुबेई प्रांत के करीब 20 शहरों को सील कर दिया गया है और 5.6 करोड़ लोग लगभग बंद की स्थिति का सामना कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द ही यह महामारी पेइचिंग, शंघाई, शेनजेन और ग्वांजाउ में तेजी से अपने पांव पसारेगी।

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WHO फूंक-फूंककर उठा रहा कदम
चीन का दौरा कर रहे डब्ल्यूएचओ चीफ ने कहा, 'यह चीन में आपातकाल की स्थिति है लेकन यह वैश्विक स्वास्थ्य इमर्जेंसी नहीं बनी है लेकिन ऐसी स्थिति बन सकती है।' पुरानी रिपोर्ट में सुधार करते हुए उन्होंने कहा, 'WHO का अनुमान है कि चीन में इसका काफी खतरा है और साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भी।' वायरस को लेकर WHO भी फूंक-फूंककर कदम उठा रहा है। दरअसल, इसकी वजह 2009 के एच1एन1 को लेकर लगाया गया गलत अनुमान था। उस दौरान यूएन एजेंसी पर आरोप लगे थे इसने लोगों में वेक्सिन की खरीद को लेकर घबराहट पैद कर दिया था। यह वास्तव में उतना बड़ा खतरा नहीं था जैसा WHO ने माना था जिसकी काफी आलोचना हुई थी। वहीं, चीन का दौरान कर WHO चीफ महामारी को रोकने के कदमों की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने विदेश मंत्री यांग यी से मुलाकात भी की है। इस मुलाकात के बाद उन्होंने भरोसा जताया है कि चीन इसपर जल्द नियंत्रण पा लेगा।

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चीन के एक्शन पर टिकी सबकी निगाहें
विशेषज्ञ बताते हैं कि चीनी नववर्ष के जश्न की समाप्ति के बाद जब लोग वापस अपने घरों और दूसरे देशों में जाएंगे तो इसका फैलाव और ज्यादा होगा। वहीं, दुनियाभर की निगाहें चीन पर टिकी हैं। कोरोना वायरस वैश्विक आपदा न बने इसके लिए चीन को अहम भूमिका निभानी होगी। हालांकि पेइचिंग अपने स्तर पर इसे रोकने की हर संभव कोशिश कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर चीन देश के भीतर संक्रमण को फैलाने वाले कारकों को 60 फीसदी तक रोकने में कामयाब रहा तो यह प्रभावी भूमिका निभाएगा।

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चीन की तैयारी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह महज एक सप्ताह के भीतर 1000 बेड वाले अस्पताल बना रहा है जिसके लिए उसने 2003 में फैले सार्स के अनुभव का इस्तेमाल किया है। राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने देशवासियों से अपील की है कि चीन मुश्किल भरे दौर से गुजर रहा है और उनकी एकजुटता बेहद जरूरी है। वहीं, प्रधानमंत्री ली केकियांग खुद अस्पतालों का दौरा कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।  

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