Edited By Seema Sharma,Updated: 03 Dec, 2018 02:35 PM
देश की तकरीबन 323 नदियों का पानी इस कदर प्रदूषित है कि इसमें नहाना तो दूर की बात है ये आचमन करने लायक भी नहीं हैं। 323 नदियों में गंगा और यमुना भी शामिल हैं जोकि बहुत ही ज्यादा प्रदूषित हैं।
नेशनल डेस्कः देश की तकरीबन 323 नदियों का पानी इस कदर प्रदूषित है कि इसमें नहाना तो दूर की बात है ये आचमन करने लायक भी नहीं हैं। 323 नदियों में गंगा और यमुना भी शामिल हैं जोकि बहुत ही ज्यादा प्रदूषित हैं। यह जानकारी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड (सीपीसीबी) ने मांगी गई एक आरटीआई के जवाब में दी है। सीपीसीबी ने कहा कि देश की करीब 62 फीसदी नदियां आचमन करने लायक भी नहीं हैं, इनमें गंगा और यमुना समेत इनकी सहायक नदियां भी शामिल हैं।
सीपीसीबी की रिपोर्ट
सीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक जीनदायिनी कही जाने वाली ये नदियां खुद खतरे में हैं। 521 नदियों के पानी की मॉनिटरिंग करने वाले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक देश की 198 नदियां ही स्वच्छ हैं। इनमें अधिकांश छोटी नदियां हैं। जबकि, बड़ी नदियों का पानी भयंकर प्रदूषण की चपेट में है। जो 198 नदियां स्वच्छ पाई गईं, इनमें ज्यादातर दक्षिण-पूर्व भारत की हैं। नदियों की स्वच्छता के मामले में तो महाराष्ट्र का बहुत बुरा हाल है। यहां सिर्फ 7 नदियां ही स्वच्छ हैं, जबकि 45 नदियों का पानी प्रदूषित है। गंगा सफाई के लिए मिले डेढ़ हजार करोड़ खर्च ही नहीं हुए जिसकारण गंगा का हाल जस का तस बना हुआ है।
अन्य राज्यों में नदियों का हाल
राज्य |
स्वच्छ नदियां |
प्रदूषित नदियां |
उत्तर प्रदेश |
4 |
11 |
बिहार |
6 |
3 |
महाराष्ट्र |
7 |
45 |
उत्तराखंड |
3 |
9 |
झारखंड |
7 |
6 |
घट रही ऑक्सीजन
नदियों में बढ़ते कचरे के कारण नदियों में बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) बढ़ रही है इससे इसकी ऑक्सीजन की खपत काफी ज्यादा हो रही है। मल-मूत्र, मानव शव, पशु शव और फूल-पत्तियों का प्रवाह होने के कारण नदियों का संतुलन बिगड़ता है।
प्रदूषण का कारण
प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण नदियों के किनारे बसे बड़े शहर हैं। शहरों में ज्यादातर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं हैं, जिनसे नदियों में रोजाना प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। इसका सबसे ज्यादा खतरा जल में रहने वाले जीवों के अस्तित्व पर मंडरा रहा है।