Edited By ,Updated: 18 Nov, 2016 08:13 PM
नोटबंदी के बाद देश में मची उथल-पुथल के बीच देश के वरिष्ठ मंत्री का मानना है कि देश में मुद्रा व्यवहार में बहुत तेज बदलाव आएगा और आने वाले चार से पांच साल...
नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद देश में मची उथल-पुथल के बीच देश के वरिष्ठ मंत्री का मानना है कि देश में मुद्रा व्यवहार में बहुत तेज बदलाव आएगा और आने वाले चार से पांच साल में आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा क्रेडिट/डेबिट कार्ड से आगे मोबाइल मनी का उपयोग करने लगेगा। भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री ने शुक्रवार को यह बयान दिया।
उन्होंने यहां कहा कि 500 एवं 1000 रुपए के नोटों के बंद होने के बाद लोगों के वित्तीय विनिमय व्यवहार में बदलाव आ रहा है और आने वाले समय में जनता प्लास्टिक मनी के प्रयोग से आगे मोबाइल मनी के प्रयोग में विश्व की अग्रणी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। उन्होंने कहा कि देश में इस समय एक अरब से अधिक मोबाइल फोन और 40 करोड़ से अधिक स्मार्ट फोन प्रचलन में हैं। लोग स्मार्ट फोन के विभिन्न प्रयोग कर रहे हैं। इसी समय मोबाइल पर वित्तीय लेनदेन एवं भुगतान के एप्लीकेशन्स आधारित सेवायें भी आ रही हैं और लोकप्रिय भी हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि देश में एटीएम, क्रेडिट/डेबिट कार्ड के बाद मोबाइल मनी के प्रचलन को लेकर पहले अनुमान था कि इसे लोक प्रचलन में आने में दस से पंद्रह साल का समय लगेगा जैसे मोबाइल के मामले में हुआ। पर अब भरोसा हो गया है कि ये काम चार से पांच साल में हो सकता है। उन्होंने कहा कि नब्बे के दशक में जब भाजपा की मुंबई में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सात आठ मोबाइल फोन लाए गए थे तो बड़े अखबारों में इसी बात की खबर छपी थी और आलोचना भी हुई थी लेकिन आज करीब करीब दो दशक बाद मोबाइल देश के कोने कोने में लोगों के अस्तित्व का अंग बन गया है।
गरीब से गरीब तबके, मजदूर, रेहड़ी पटरी वाले और अशिक्षित लोग भी मोबाइल का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोबाइल मनी का प्रयोग बहुत आसान है और गरीब किसान मजदूर भी पूरी सुरक्षा के साथ वित्तीय लेन देन कर सकते हैं। अनुमान है कि 2020-22 तक मोबाइल मनी का प्रयोग करने वालों की संख्या 40 से 50 करोड़ तक जा सकती है। यह किसी एक देश में मोबाइल मनी के इस्तेमाल करने वालों की सर्वाधिक संख्या हो सकती है।