Edited By Yaspal,Updated: 12 Dec, 2020 06:12 AM
भारत के पहले mRNA टीके को मानव परीक्षण की मंजूरी मिल गई है। इसे कोरोना के खिलाफ पहली बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। पुणे की कंपनी जिनोवा इस mRNA वैक्सीन का विकास कर रही है। केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा कि इस mRNA वैक्सीन के मानव परीक्षण को स्वीकृति...
नेशनल डेस्कः भारत के पहले mRNA टीके को मानव परीक्षण की मंजूरी मिल गई है। इसे कोरोना के खिलाफ पहली बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। पुणे की कंपनी जिनोवा इस mRNA वैक्सीन का विकास कर रही है। केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा कि इस mRNA वैक्सीन के मानव परीक्षण को स्वीकृति दे दी गई है। जिनोवा अमेरिकी कंपनी एचडीटी बायोटेक कारपोरेशन के साथ मिलकर इस वैक्सीन का विकास कर रही है। एमआरएनए (mRNA) वैक्सीन प्रतिरक्षा क्षमता के पारंपरिक मॉडल पर काम नहीं करती।
सरकार ने कहा कि ये एमआरएनए वैक्सीन (HGCO19) पहले ही जानवरों में सुरक्षा, प्रतिरक्षा शक्ति और एंटीबॉडी पैदा करने में अपनी ताकत दिखा चुकी है। चूहों और अन्य पर इसके परीक्षण प्रभावी रहे हैं। mRNA वैक्सीन वायरस के कृत्रिम आरएनए के जरिये शरीर में ऐसे प्रोटीन पैदा करती है, जो कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर होती है। mRNA वैक्सीन को ज्यादा सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि यह यह गैर संक्रामक और गैर एकीकृत होती है।