Edited By Monika Jamwal,Updated: 21 Aug, 2018 02:09 PM
उच्चतम न्यायालय ने आज जम्मू-कश्मीर सरकार को कठुआ मामले के अहम गवाह को हिरासत में प्रताडि़त करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर 27 अगस्त तक जवाब दायर करने का निर्देश दिया।
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज जम्मू-कश्मीर सरकार को कठुआ मामले के अहम गवाह को हिरासत में प्रताडि़त करने का आरोप लगाने वाली याचिका पर 27 अगस्त तक जवाब दायर करने का निर्देश दिया। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, justice ए म खानविलकर और justice डी वाय चंद्रचूड़ की पीठ ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 29 अगस्त की तारीख मुकर्रर की। पीठ ने कठुआ सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले के अहम गवाह तालीब हुसैन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। याचिका में हुसैन के खिलाफ उसकी एक रिश्तेदार द्वारा दर्ज कथित बलात्कार के मामले में राज्य पुलिस द्वारा उसे (हुसैन को) हिरासत में प्रताडि़त करने का आरोप लगाया गया है।
अदालत ने पहले हुसैन के रिश्तेदार मुमताज अहमद खान के वकील से कहा था कि आप यह साबित करें कि इस मामले में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका कैसे विचारणीय है क्योंकि आरोपी को उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कानूनी तरीके से गिरफ्तार किया गया है। बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका गवाह के रिश्तेदार मुमताज अहमद खान ने ही दायर की है। उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए वकील ने कहा था कि वैध या अवैध किसी भी तरह हिरासत में लिया गया हो, हिरासत में प्रताडि़त किए जाने के संबंध में ऐसी याचिका हमेशा दायर की जा सकती है।
हुसैन की रिश्तेदार (जिसने उसके खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया है) के वकील ने इस याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि आरोपी के खिलाफ कम से कम 10 प्राथमिकी दर्ज हैं और पीड़िता का पक्ष सुने बिना आरोपी को किसी भी तरह की छूट नहीं दी जानी चाहिए। पुलिस हिरासत में हुसैन के संरक्षण के लिए दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस ने बलात्कार के एक झूठे मामले में उसे बुरी तरह पीटा है। गौरतलब है कि कठुआ में अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय की आठ वर्षीय बच्ची का 10 जनवरी को अपहरण कर 13 जनवरी को उसकी हत्या कर दी गयी थी। अपहरण के दौरान उसके साथ बर्बरता से कई बार अलग-अलग लोगों ने बलात्कार किया था। पीड़िता का शव 17 जनवरी को बरामद हुआ था। हुसैन इस मामले का अहम गवाह है।