Edited By Seema Sharma,Updated: 18 Mar, 2020 01:37 PM
कोरोना वायरस जहां एक से दूसरे व्यक्ति को हो रहा है वहीं इसी बीच जो सबसे बड़ी चिंता की बात सामने आई है। जिस व्यक्ति को कोरोना वायरस है उसके लिए वायु प्रदूषण घातक साबित हो सकता है। वायु प्रदूषण के सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव पर काम कर रहे डॉक्टरों की एक...
नेशनल डेस्कः कोरोना वायरस जहां एक से दूसरे व्यक्ति को हो रहा है वहीं इसी बीच जो सबसे बड़ी चिंता की बात सामने आई है। जिस व्यक्ति को कोरोना वायरस है उसके लिए वायु प्रदूषण घातक साबित हो सकता है। वायु प्रदूषण के सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव पर काम कर रहे डॉक्टरों की एक टीम ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है। डॉक्टरों ने कोरोना के मरीजों के प्रदूषित हवा से बचने की सलाह दी है।
डाक्टर्स फॉर क्लीन एयर (DFCA) ने यह चेतावनी जारी की है। चेतावनी में कहा गया कि उच्च वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में लोगों में कोरोना के प्रभावों की अधिक संवेदनशीलता हो सकती है क्योंकि उनके फेफड़े वायु प्रदूषण के चलते कमज़ोर होते हैं। ऐसे में जहरीली हवा में सांस लेना मतलब फेफड़ों को ओर ज्यादा संक्रमित करना।
DFCA के मुताबिक जो लोग लंबे समय से प्रदूषित हवा में रहते हैं उनके अंगों के काम करने की क्षमता काफी कम होती है और कोरोना से लड़ने के लिए इम्युनिटी सिस्टम स्ट्रांग होना चाहिए। जिनका इम्युनिटी सिस्टम स्ट्रांग नहीं होता है वो आसानी से वायरस संक्रमण और अन्य बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। डीएफसीए ने कहा कि सार्स जैसे कोरोनो वायरस के पूर्ववर्ती संक्रमण के दौरान भी यह बात देखी गई थी कि वायु प्रदूषण का उच्च स्तर अधिक मौतों का कारण बनता है। बता दें कि देश में कोरोना के अब तक 147 केस सामने आए हैं और तीन की मौत हो चुकी है।