Edited By Anil dev,Updated: 18 Nov, 2019 05:21 PM
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के आंदोलनरत छात्रों पर पुलिस के लाठीचार्ज की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से किये जा रहे आंदोलन से निपटने का यह उपयुक्त तरीका नहीं है।
नई दिल्ली: माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के आंदोलनरत छात्रों पर पुलिस के लाठीचार्ज की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से किये जा रहे आंदोलन से निपटने का यह उपयुक्त तरीका नहीं है।
येचुरी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, यह (नरेंद्र) मोदी के समय में पैदा हुई आपातस्थिति है। आंदोलन स्थल पर पुलिसकर्मियों की मौजूदगी आपातकाल के समय तैनात पुलिसकर्मियों से कहीं ज्यादा थी। लोकतांत्रिक आंदोलनों से निपटने का यह सही तरीका नहीं है। मोदी सरकार छात्रों को उकसाने की कोशिश कर रही है।
उल्लेखनीय है कि जेएनयू में फीस बढ़ोतरी के फैसले को वापस लेने की मांग को लेकर संसद मार्च कर रहे छात्रों के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिये पुलिस ने बल प्रयोग किया और छात्रों को जेएनयू परिसर के पास ही आगे बढऩे से रोक दिया। आपातकाल के समय जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे येचुरी ने कहा कि लोकतांत्रिक समाज में शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने का लोकतांत्रिक अधिकार है। छात्रों पर लाठीजार्च, सरकार के नाम पर अधिनायकवाद के चरमोत्कर्ष को दर्शाता है।