उपचुनाव से पहले अलगाववादियों पर क्रेकडाउन, 30 हिरासत में

Edited By ,Updated: 23 Mar, 2017 12:47 PM

crackdown on separaists

कश्मीर में अगले महीने संसदीय चुनावों से पहले सरकार ने घाटी में अलगाववादियों के प्रस्तावित चुनाव बहिष्कार अभियान को नाकाम करने के लिए क्रेकडाउन शुरु कर दिया है।

श्रीनगर : कश्मीर में अगले महीने संसदीय चुनावों से पहले सरकार ने घाटी में अलगाववादियों के प्रस्तावित चुनाव बहिष्कार अभियान को नाकाम करने के लिए क्रेकडाउन शुरु कर दिया है। एक तरफ जहां कई वरिष्ठ अलगाववादी नेताओं को या जेल में बंद किया गया है या फिर उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है वहीं दूसरी तरफ निचले स्तर के नेता फरार है क्योंकि पुलिस ने उनके घरों पर छापे मारना शुरु कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार गिलानी, मीरवायज उमर फारुक और यासीन मलिक सहित कम से कम 30 अलगाववादी नेताओं को या तो नजरबंद रखा गया है या फिर विभिन्न पुलिस स्टेशनों में बंद रखा गया है।

नजरबंद किए गए नेता
कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रवक्ता अयाज अकबर ने कहा कि गुरुवार को पाक दिवस में भाग लेने के लिए हमने नई दिल्ली जाने के लिए बुधवार को एयर टिकट बुक किए थे, लेकिन हमें सूचित किया गया कि हम यात्रा नहीं कर सकते और हमें घर पर नजरबंद हैं। उन्होंने कहा कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष गिलानी के आवास हैदरपोरा के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों और पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। पिछले वर्ष मई से वह नजरबंद हैं। अकबर ने आरोप लगाया कि गिलानी प्रतिबंध के कारण मस्जिद में ईद या जुमे की नमाज अदा नहीं कर पा रहे हैं।

यह नेता हैं नजरबंद
कई अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी नजरबंद या पुलिस थाने में हिरासत में लिया गया है। महासचिव शब्बीर अहमद शाह, मोहम्मद असरफ  सेहराई, पीर सईफल्लाह, आल्ताफ अहमद शाह, राजा मेहराजुद्दीन और मोहम्मद अशरफ  लाया को भी नजरबंद किया गया है, हालांकि उमर आदिल डार को पुलिस हिरासत में रखा गया है।
जे.के.एल.एफ. प्रमुख यासीन मलिक को आबीगुजर इलाके में पार्टी कार्यालय के बाहर गिरफ्तार करके 12 दिनों के लिए सेंट्रल जेल भेज दिया गया जबकि मीरवायज को नगीन इलाके में स्थित उनके आवास में नजरबंद रखा गया है।

नहीं दी जाएगी शांति भंग करने की अनुमति
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी को भी शांति बिगाडऩे की इजाजत नही दी जाएगी। हम चुनाव के सुचारु संचालन को सुनिश्चित करेंगे और उसके लिए शांति बेहद महत्वपूर्ण है। हुरियत नेताओं को हिरासत में लिए जाना एक निवारक उपाय है क्योंकि उन्होने चुनाव बहिष्कार अभियान की घोषणा की है जिसका मकसद शांति बिगाडना है।

 

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