Edited By ,Updated: 08 Jul, 2016 04:35 PM
अमरीका के राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को लगता था कि ई मेल कोड से संबधित हाल में हुई
अमरीका के राष्ट्रपति चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को लगता था कि ई मेल कोड से संबधित हाल में हुई एफबीआई की पूछताछ के बाद उन्हें राहत मिल जाएगी। आपराधिक मामला दर्ज नहीं होने से उनकी जान छूट जाएगी, लेकिन अभी उन्हें इस मामले की जांच से पूरी तरह मुक्ति नहीं मिली है। ई-मेल विवाद ने उनका पीछा नहीं छोड़ा है। यह उनके गले की फांस भी बन सकता है।
दरअसल, 2009 से 2013 के बीच विदेश मंत्री के तौर पर हिलेरी ने निजी अकाउंट से 55 हजार ई-मेल किए थे। मामला सामने आने के बाद उन्होंने ये मेल विदेश मंत्रालय को जांच के लिए सौंप दिए। इनमें से तीन हजार पन्ने पिछले महीने सार्वजनिक किए गए। हाल की पूछताछ में वह कह चुकी हैं कि निजी अकाउंट से उन्होंने गोपनीय संदेश नहीं भेजे थे। माना जा रहा था कि अब हिलेरी अपने समर्थकों के सहित पूरे उत्साह के साथ चुनाव अभियान में जुट जाएंगी, लेकिन विदेश विभाग निजी ईमेल सर्वर का इस्तेमाल कर नियमों के उल्लंघन के आरोप की जांच करेगा। उसे इंतजार है न्याय विभाग के उत्तर का।
विदेश विभाग की इस घोषणा से रिपब्ल्किन पार्टी में नई जान आ गई है। इस समय वहां खुशी का माहौल देखा जा रहा है। एफबीआई ने पूछताछ के बाद जब घोषणा की थी तो वहां खामोशी पसर गई थी। हाथ से अवसर खो जाने के बाद तिलमिलाए ट्रंप ने तीखा ट्वीट किया था। उनके मुताबिक एफबीआई के लिए हिलेरी के खिलाफ आपराधिक आरोपों की सिफारिश करना नामुमकिन है। उन्होंने सवाल किया था कि हिलेरी के पति बिल क्लिंटन और अटार्नी जनरल लोरेटा लिंच में किस मकसद के लिए मुलाकात हुई थी ? उनकी आलोचना के बाद लिंच को सफाई देनी पड़ी कि मुलाकात में जांच पर कोई चर्चा नहीं हुई थी।
उनकी पार्टी उन रास्तों को खोजने का प्रयास कर रही है, ताकि इस मुद्दे को चुनाव तक जिंदा रखा जा सके। हाउस स्पीकर रेयान पॉल चाहते हैं कि नेशनल इंटेलीजेंस के निदेशक को हिलेरी के शेष बचे चुनाव अभियान के बारे में उनके जो विवरण हैं उन्हें वर्गीकृत करने के लिए ब्लॉक कर दें।
अब ऐसी संभावना जताई जा रही है कि विदेश विभाग की जांच में हिलेरी के कई निजी कर्मचारी उसके दायरे में आ सकते हैं। विभाग अपनी जांच में क्या करेगा, उसकी समयसीमा क्या रहेगी, इसका खुलासा अभी नहीं किया गया है। यह जरूर बताया गया कि इस मामले बिना किसी पक्षपात के पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी। सीएनएन के मुताबिक विदेश विभाग यह देखेगा कि कहीं हिलेरी के वर्तमान कर्मचारी इसमें शामिल तो नहीं थे ?
विभाग ने आशंका जताई है कि पूर्व कर्मचारियों ने कहीं इन सूचनाओं के साथ गलत तरीके से सलूक तो नहीं किया। उसे लगता है कि कुछ कर्मचारी इन सूचनाओं को अपनी फाइल में ले गए हों। क्लिटंन द्वारा उन ई मेल का जो इस्तेमाल किया गया था उसके बारे में विदेश विभाग के महानिदेशक ने मई में यह कह कर धमाका किया था कि हिलेरी ने निजी मेल के इस्तेमाल से संबंधित नियमों का उल्लंघन किया था।
यह मामला हिलेरी क्लिंटन के गले की फांस कैसे बन सकता है ? इस पर बीबीसी ने विश्लेषण किया है। इसके मुताबिक हिलेरी ने अपने बचाव में सावधानीपूर्वक तर्क रखे हैं। वे कहती रही हैं कि उन्होंने कभी भी गोपनीय सूचनाओं को नहीं भेजा, लेकिन एफबीआई ने जांच के दौरान पाया कि उनकी 30 हजार में से भेजी गईंं 100 से ज्यादा मेल में गोपनीय जानकारियां शामिल थीं। वे यह भी कहती रहीं कि उन्होंने जो संदेश उनके काम से संबंधित थे उन्हें उलट दिया था। मगर उनके वकील उस कीवर्ड को जानते थे और उनसे कई संबंद्ध दस्तावेज गायब थे। यह भी आरोप लगा कि एफबीआई ने क्लिंटन के बचाव में कई तथ्यों को कमजोर कर दिया था।
हिलेरी पर एक और हमला ट्रंप के चुनाव अभियान की टीम ने कर दिया है। उसके द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि अमरीका के लोगों की सुरक्षा के साथ क्लिंटन ने समझौता किया है। उनके पास ऐसी कई फाइलें हैं जिनके आधार पर ब्लैकमेल करने से संबंधित दस्तावेज पेश किए जा सकते हैं। यह उन्हें सेवा से निलंबित करने के लिए एकमात्र सबूत काफी है। प्रतिद्वंद्वी पार्टी की ओर से दावा किया गया है कि ट्रंप के तूफानी अभियान के आगे हिलेरी के पास ठोस समर्थन नहीं बचा है।