Edited By vasudha,Updated: 01 Apr, 2019 11:55 AM
भारत प्रशासित कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ़ जवानों के काफ़िले पर हुए आत्मघाती हमले को लेकर एक बड़ी बात सामने आई है। सूत्रों के अनुसार एक CRPF अधिकारी ने हमले से पहले ही आतंकवाद-रोधी प्रशिक्षण तंत्र की खराब स्थिति को उजागर किया था, जिसके...
नेशनल डेस्क: भारत प्रशासित कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ़ जवानों के काफ़िले पर हुए आत्मघाती हमले को लेकर एक बड़ी बात सामने आई है। एक CRPF अधिकारी ने हमले से पहले ही आतंकवाद-रोधी प्रशिक्षण तंत्र की खराब स्थिति को उजागर कर दिया था, हालांकि इसके बावजूद भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
खबरों के अनुसार सीआरपीएफ आईजी रजनीश राय ने पुलवामा हमले से कुछ महीने पहले 22 नवंबर 2018 को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने आतंकवाद और हिंसा जैसी स्थिति से निपटने वाले इस संगठन के ट्रेनिंग कैंप की बदहाली को दर्शाया था। पत्र में बताया गया था कि सीआरपीएफ़ ट्रेनिंग सेंटर में न तो फायरिंग रेंज है और न ही बाउंड्री वॉल। साथ ही, कोई स्थायी स्ट्रक्चर भी नहीं बना हुआ है।
राय के अनुसार पिछले 4 साल में 150 ट्रेनिंग और प्रशासनिक कर्मचारियों की तैनाती तो की गई लेकिन इनमें से एक भी काउंटर इनसर्जेंसी एंड एंटी टेरेरिज्म (CIAT) कोर्स से संबंधित नहीं है। मुख्यालय को कई बार पत्र लिख ट्रेनिंग सेंटर की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई थी, जिसका कोई नतीजा नहीं निकला।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर एक आत्मघाती हमला कर दिया गया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। सीआरपीएफ का यह काफिला जम्मू से श्रीनगर आ रहा था, तभी इस पर हमला कर दिया गया। हमले के तुरंत बाद ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इसकी जिम्मेदारी ली थी।