Edited By Seema Sharma,Updated: 30 Jun, 2020 11:48 AM
साल 2000 मैं तैयार हुआ पुल अब शॉपित पुल के नाम से जाना जाता है क्योंकि यहां अब तक 1000 लोगों ने कूद कर अपनी जान दे दी है। यूपी में प्रयागराज को नैनी से जोड़ने वाले नए यमुना ब्रिज बनने से मिर्जापुर और मध्य प्रदेश की ओर जाने वालों लोगो को रास्ता तो...
नेशनल डेस्कः साल 2000 मैं तैयार हुआ पुल अब शॉपित पुल के नाम से जाना जाता है क्योंकि यहां अब तक 1000 लोगों ने कूद कर अपनी जान दे दी है। यूपी में प्रयागराज को नैनी से जोड़ने वाले नए यमुना ब्रिज बनने से मिर्जापुर और मध्य प्रदेश की ओर जाने वालों लोगो को रास्ता तो मिल गया लेकिन जीवन से हताश लोगों के लिए यह सुसाइड प्वाइंट भी बन गया। कई लोग तो इसे सुसाइड पुल कहकर भी बुलाते हैं। बीते 20 सालों में इस पुल से कूदकर जान देने वालों की तादाद बढ़ती जा रही है।
लोगों को आत्महत्या करने से रोकने के लिए यहां एक सिक्योरिटी गार्ड भी तैनात किया गया लेकिन खुदकुशी का सिलसिला टला नहीं। साल 2000 में जिस दिन इस पुल को आम लोगों के लिए खोला गया था उसी दिन यहां एक हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। वहीं पुल से आत्महत्या के सिलसिले को रोकने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई कि इसके दोनों तरफ जाली लगा दी जाए। याचिका पर पुल के रखरखाव करने वाली कंपनी एनएचएआई ने कोर्ट में कहा कि इससे पुल पर अतिरिक्त भार बढ़ेगा और जान-माल का खतरा बढ़ जाएगा।