Edited By Anil dev,Updated: 05 Oct, 2018 11:26 AM
अपने को स्वयंभू बाबा कहने वाले दाती मदन के सामने नई मुश्किलें खड़ी हो गई हैं वहीं क्राइम ब्रांच की टीम भी मुश्किलों में आ गई है। हाईकोर्ट ने दाती मदन के केस को सीबीआई को ट्रांसफर करते हुए कुछ बातों पर भी गौर कर एक प्रारंभिक रिपोर्ट सीबीआई से मांगी...
नई दिल्ली(संजीव यादव): अपने को स्वयंभू बाबा कहने वाले दाती मदन के सामने नई मुश्किलें खड़ी हो गई हैं वहीं क्राइम ब्रांच की टीम भी मुश्किलों में आ गई है। हाईकोर्ट ने दाती मदन के केस को सीबीआई को ट्रांसफर करते हुए कुछ बातों पर भी गौर कर एक प्रारंभिक रिपोर्ट सीबीआई से मांगी है। कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई मामले में ये भी बताए कि आखिरकार दिल्ली पुलिस की दायर शीट में कितनी लापरवाही बरती गई और आखिरकार वो कौन से कारण थे जिसके तहत क्राइम ब्रांच ने उनकी गिरफ्तारी नहीं की। सूत्रों के मुताबिक दाती मदन की गिरफ्तारी सीबीआई कर सकती है।
कोर्ट के बयान पहले, विरोधाभास क्राइम ब्रांच में होगा, पसंद नहीं दलील
हाईकोर्ट ने अपनी नोटिंग में हैरानी जताते हुए लिखा कि जब कानूनी प्रक्रिया के तहत सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किया जा चुका है तो ऐसे में विरोधाभासी बयानों का क्या औचित्य रह जाता है। कहीं न कहीं उसे बचाने की कोशिश की जा रही है। कोर्ट ने ये भी कहा है कि सीबीआई दिल्ली पुलिस की दलीलों को भी देखे और ये भी बताए कि क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने इस मामले में अब तक क्या-क्या किया।
CBI को अगले सप्ताह ही बताना होगा कि दिल्ली पुलिस ने क्यों नहीं की गिरफ्तारी
पोटेंसी टेस्ट हुआ की नहीं, क्या रहा रिपोर्ट में जब अन्य कथित बाबा ऐसे आरोपों में सलाखों के पीछे है तो एक विशेष के लिए अलग परिपाटी दिल्ली पुलिस ने कैसे तैयार की। यही नहीं बाकायदा उन्हें बयान के लिए बुलाया गया और जब पीड़िता ने धमकाने सहित कई अन्य शिकायतें पुलिस को दी तो उस पर दिल्ली पुलिस ने काम क्यों नहीं किया। हाईकोर्ट ने अपने ऑर्डर से साफ कहा है कि सीबीआई पहले इन्हीं तथ्यों को खोजे और प्रारंभिक रिपेार्ट दे।
दिल्ली पुलिस पर ये भी दागा गया सवाल, कहा, इसकी भी जांच करे सीबीआई
हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को भी नोटिस दिया है और सीबीआई को भी निर्देशित किया है कि इस जांच में अब जो तथ्य पेश किए गए हैं उससे लगता है कि पुलिस जांच नहीं बल्कि दाती मदन को सैर-सपाटा करा रही थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस आयुक्त अपनी भी जांच करें और सीबीआई भी जांच कर ये पता लगाए कि आखिरकार जिनके बयान पुलिस ने लिए हैं वे कितने सही हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा था पर्याप्त सबूत नहीं, अब सीबीआई बताए कि सबूत थे की नहीं इस संबंध में सीबीआई की एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट का आदेश दाती मदन से ज्यादा दिल्ली पुलिस के लिए ठीक नहीं है। जिस तरह की नोटिंग की गई है उससे कोर्ट संतुष्ट नहीं है। इसलिए इसकी जांच नए सिरे से की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन जांच में दिल्ली पुलिस से गलतियां हुई हैं या नहीं इसका पता जांच के बाद ही चल पाएगा।
इन सवालों का जवाब दिल्ली पुलिस को देना होगा
- 164 के बयानों का आधार दिल्ली पुलिस के लिए क्यों मायने नहीं रखता
- जब रेप के अन्य मामलों में गिरफ्तारी तो विशेष के लिए क्यों नहीं
- आखिर एक बार ही गवाहों के बयानों से पुलिस ने तय किया कि दाती आरोपी नहीं
- जब जगह और अन्य सबूत दाती के खिलाफ तब भी वह बेगुनाह कैसे