Edited By Seema Sharma,Updated: 14 Oct, 2020 09:45 AM
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को उनके विरुद्ध जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत लगाए गए आरोपों को इस केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासन द्वारा हटा लिए जाने के बाद मंगलवार रात रिहा कर दिया गया। पिछले साल आर्टिकल-370 को...
नेशनल डेस्कः जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को उनके विरुद्ध जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत लगाए गए आरोपों को इस केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासन द्वारा हटा लिए जाने के बाद मंगलवार रात रिहा कर दिया गया। पिछले साल आर्टिकल-370 को निष्प्रभावी बनाए जाने के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था। वहीं रिहा होने के बाद महबूबा मुफ्ती ने 1 मिनट 23 सेकेंड का एक ऑडियो मैसेज रिलीज किया। ऑडियो मैसेज में महबूबा ने कहा कि उस काले दिन का काला फैसला आज भी उनके दिमाग में खटकता रहा है।
महबूबा ने कहा कि एक साल से ज्यादा समय तक हिरासत में रहने के बाद मुझे रिहा कर दिया गया है, उस काले दिन का काला फैसला मेरे दिल और रुह पर हर पल वार करता रहा, मुझे यकीन है कि ऐसी ही स्थिति जम्मू-कश्मीर के लोगों की भी रही होगी। महबूबा ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो लोगों की बेइज्जती की है उसे जनता नहीं भूलेगी। आर्टिकल-370 को अवैध फैसला बताते हुए मुफ्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग इस फैसले को बदलने के लिए एकमत होकर लड़ेंगे और कश्मीर से जुड़े मुद्दों के निपटारे के लिए साथ मिलकर काम करेंगे जो हजारों जिंदगियां निगल गईं हैं।
महबूबा (60) को पिछले साल पांच अगस्त को पहले एहतियाती हिरासत में रखा गया था और बाद में छह फरवरी को उन पर कठोर पीएसए कानून लगा दिया गया। उन्हें सात अप्रैल को उनके सरकारी निवास में ले जाया गया जिसे प्रशासन ने पहले उप-जेल घोषित किया था। उनकी हिरासत इस साल 31 जुलाई को तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई थी। महबूबा की बेटी इल्तिजा ने खुशी प्रकट करते हुए कहा कि उनकी मां आखिरकार हिरासत से मुक्त कर दी गई।