Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Jan, 2018 12:22 PM
देश भर में जहां बेटियों को पूरी आजादी देने की पहल हो रही है वहीं महिलाओं के वर्चस्व वाले पूर्वोत्तर के राज्य मेघालय में परिवार की छोटी बेटी को किशोरावस्था की दहलीज पर कदम रखते ही उसके माता-पिता उसे अज्ञात स्थान पर छिपा देते हैं। यह जानकर भले ही आपको...
शिलांग: देश भर में जहां बेटियों को पूरी आजादी देने की पहल हो रही है वहीं महिलाओं के वर्चस्व वाले पूर्वोत्तर के राज्य मेघालय में परिवार की छोटी बेटी को किशोरावस्था की दहलीज पर कदम रखते ही उसके माता-पिता उसे अज्ञात स्थान पर छिपा देते हैं। यह जानकर भले ही आपको हैरत हो लेकिन माता-पिता को इसमें ही अपनी बेटी की भलाई नजर आती है।
बेटियों के पास होता है संपत्ति का अधिकार
मेघालय में आम तौर पर जनजातियों की बहुलता है जिनमें संपत्ति का अधिकार बेटियों के पास होता है। इस व्यवस्था के अनुसार परिवार की किसी भी बेटी को संपत्ति का उत्तराधिकारी चुना जा सकता है लेकिन आम तौर पर छोटी बेटी ही संपत्ति की अधिकारी होती हैं। संपत्ति के लालच में बाहर से आए लड़के परिवार की छोटी लड़कियों से प्रेम का नाटक करके शादी करते हैं और बाद में सारी संपत्ति अपने कब्जे में कर लेते हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिये माता-पिता अक्सर अपनी छोटी बेटी को किसी सुरक्षित स्थान पर तब तक छिपाए रखते हैं जब तक कि उनकी पसंद का और अच्छे परिवार का लड़का शादी के लिये उन्हें नहीं मिल जाता है।
लड़कियों के जन्म पर होता है उत्सव
हालांकि मेघालय में अन्य महिलाएं और लड़कियां बेखौफ होकर कभी भी बाहर निकल सकती हैं। यहां लड़कियों के जन्म लेने पर उत्सव जैसा माहौल रहता है। यहां का समाज लड़कियों को आजादी देने के मामले में भारत के अन्य राज्यों से कहीं आगे है। धार्मिक गतिविधियों में भी यहां महिलाओं का महत्वपूर्ण स्थान होता है। दिलचस्प लेकिन आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि राज्य में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों की तुलना में अधिक होने के बावजूद विधानसभा में महिलाओं की उपस्थिति बेहद कम महज तीन प्रतिशत है। राज्य में अगले माह विधानसभा चुनाव होने हैं। हाल में जारी हुई मतदाता सूची में 18 लाख 30 हजार 104 मतदाताओं के नाम हैं जिनमें से 50.4 प्रतिशत यानी नौ लाख 23 हजार 848 महिलाएं हैं।