26/11 हमला: हेडली पर सुनवाई पूरी...5 घंटे में दिए PAK के खि‍लाफ कई बड़े सबूत

Edited By ,Updated: 08 Feb, 2016 01:23 PM

david headley in the 26 11 attack case chicago jail giving testimony

26/11 हमलों की साजिश रचने वाले आतंकी डेविड हेडली की मुंबई के स्पेशल कोर्ट में आज गवाही चल रही है। शिकागो से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पहली बार हेडली इस मामले में गवाही दे रहा है।

मुंबई: आतंकवादी कृत्य के मामले में किसी विदेशी जमीन से पहली बार गवाही दिए जाने के तहत लश्कर ए तैयबा के पाकिस्तानी-अमेरिकी सदस्य डेविड हेडली ने आज यहां वीडियो लिंक के जरिए एक अदालत को बताया कि पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 26/11 हमलों से पहले मुंबई पर दो बार हमला करने की कोशिश की थी लेकिन वे दोनों बार ऐसा करने में नाकाम रहे थे। मुंबई में नवंबर 2008 में हुए इन हमलों में 166 लोगों की मौत हो गई थी।

हमले के बाद 8 बार आया भारत
हेडली ने सुबह सात बजे शुरू हुई अपनी गवाही में कहा कि वह ‘‘लश्कर का कट्टर समर्थक’’ था और वह कुल आठ बार भारत आया था। वह 26 नवंबर 2008 को आतंकवादी हमले से पहले सात बार और हमले के बाद एक बार भारत आया था।

हाफिज सईद से था प्रभावित

26/11 मामले में सरकारी गवाह बनाए गए हेडली ने कहा कि वह लश्कर में मुख्य रूप से साजिद मीर के संपर्क में था। साजिद मीर भी इस मामले में एक आरोपी है।  उसने अदालत को बताया कि लश्कर ने नवंबर 2008 को अंतत: हमला करने के पूर्व भी आतंकवादी हमले करने की दो असफल कोशिशें की थीं। पहली कोशिश सितंबर और दूसरी कोशिश अक्तूबर में की गई थी। हेडली ने कहा कि वह लश्कर प्रमुख हाफिज सईद से ‘‘प्रभावित’’ होकर इस संगठन में शामिल हुआ था और उसने वर्ष 2002 में मुज्जफराबाद में उनके साथ पहली बार ‘‘प्रशिक्षण’’ प्राप्त किया था।

दाऊद गिलानी से बदलकर नाम रखा डेविड हेडली
आतंकवादी हमलों में शामिल होने के मामले में अमेरिका में 35 वर्ष के कारावास की सजा भुगत रहे हेडली ने यह भी कहा कि उसने 2006 में अपना नाम दाऊद गिलानी से बदलकर डेविड हेडली रख लिया था ताकि वह भारत में प्रवेश कर सके और यहां कोई कारोबार स्थापित कर सके।

हेडली ने यहां अदालत से कहा, ‘‘मैंने फिलाडेल्फिया में पांच फरवरी 2006 को नाम बदलने के लिए आवेदन दिया था। मैंने नए नाम से पासपोर्ट लेने के लिए अपना नाम बदलकर डेविड हेडली रख लिया। मैं नया पासपोर्ट चाहता था ताकि मैं एक अमेरिकी पहचान के साथ भारत में दाखिल हो सकूं।’’  हेडली ने कहा, ‘‘जब मुझे नया पासपोर्ट मिल गया तो मैंने लश्कर-ए-तैयबा में अपने साथियों को यह बात बताई। इनमें से एक साथी साजिद मीर था। यही वह व्यक्ति था, जिससे मैं संपर्क में था। भारत में आने का मेरा उद्देश्य एक कार्यालय:कारोबार स्थापित करना था ताकि मैं भारत में रह सकूं। पहली यात्रा से पहले साजिद मीर ने मुझे मुंबई का एक आम वीडियो बनाने के निर्देश दिए थे।’’  

 भारतीय वीजा पाने के लिए दी झूठी जानकारी
हेडली ने यह भी कहा कि भारतीय वीजा आवेदन में उसने अपनी असल पहचान छिपाने के लिए सभी ‘झूठी’ जानकारियां दीं।  ऐसा बताया जाता है कि उसने वर्ष 2006 और 2008 के बीच कई बार भारत की यात्रा की, नक्शे खींचे, वीडियो फुटेज ली और हमले के लिए ताज होटल, ओबरॉय होटल और नरीमन हाऊस समेत विभिन्न ठिकानों की जासूसी की। हेडली की जासूसी ने हमला करने वाले लश्कर के 10 आतंकवादियों और उनके आकाओं को अहम जानकारी उपलबध कराई।

हेडली के वकील महेश जेठमलानी ने संवाददाताओं से कहा कि ‘‘ उसने (हेडली ने) इस बात की पुष्टि की है कि वह हाफिज सईद से प्रभावित होकर लश्कर में शामिल हुआ था। उसने अदालत को बताया कि 26/11 से पहले भी आतंकवादी हमले करने की दो असफल कोशिशें की गई थीं। उसने हमलों में लश्कर की भूमिका की विस्तृत जानकारी नहीं दी।’’ फिलहाल अदालत में मुख्य साजिशकर्ता सैयद जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जंदल के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। उसके खिलाफ इन आतंकवादी हमलों में उसकी कथित भूमिका को लेकर मामला चल रहा है।


हेडली के बयान से कई षड्यंत्रों से उठा पर्दा

हेडली की गवाही से मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के पीछे के षड्यंत्र के बारे में कई अहम खुलासे हो रहे हैं। इन हमलों में 166 लोगों की मौत हुई थी। अदालत ने 10 दिसंबर 2015 को हेडली को इस मामले में सरकारी गवाह बनाया था और उसे आठ फरवरी को अदालत के समक्ष पेश होने को कहा था।  उस समय हेडली ने विशेष न्यायाधीश जी.ए. सनप से कहा था कि अगर उसे माफ किया जाता है तो वह ‘‘गवाही देने को तैयार’’ है। 

न्यायाधीश सनप ने हेडली को कुछ शर्तों के आधार पर सरकारी गवाह बनाया था और उसे माफी दी थी। मुंबई पुलिस ने पिछले साल आठ अक्तूबर को अदालत के समक्ष याचिका दायर कर कहा था कि हेडली के खिलाफ भी इस मामले में मुंबई हमलों के अहम साजिशकर्ता अबू जंदल के साथ इस अदालत में मुकदमा चलाया जाना चाहिए क्योंकि दोनों इस कायरतापूर्ण हमले के साजिशकर्ता और इसमें मददगार थे।  मुंबई पुलिस ने याचिका में कहा था कि हेडली के खिलाफ अमेरिकी अदालत के निर्णय से यह स्पष्ट है कि वह लश्कर का सदस्य था और उसने आतंकवादी हमले में आपराधिक षड्यंत्र रचने में सक्रिय भूमिका निभाई थी। हेडली की गवाही मंगलवार को भी जारी रहेगी। आज की सुनवाई पूरी हो चुकी है।

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