Edited By Anu Malhotra,Updated: 29 Aug, 2024 04:09 PM
एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है, जो यह साबित करती है कि मृत्यु का समय ईश्वर के हाथ में होता है। एक अस्पताल में डॉक्टरों ने माता अमृत कौर लायलपुरी को मृत घोषित कर दिया था। परिवार ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की सूचना दी और अंतिम संस्कार की तैयारी भी कर...
नेशनल डेस्क: एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है, जो यह साबित करती है कि मृत्यु का समय ईश्वर के हाथ में होता है। एक अस्पताल में डॉक्टरों ने माता अमृत कौर लायलपुरी को मृत घोषित कर दिया था। परिवार ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की सूचना दी और अंतिम संस्कार की तैयारी भी कर ली। लेकिन घर लाने के बाद पता चला कि उनकी नब्ज चल रही है और वह जीवित हैं।
सोशल मीडिया पर दी गई थी मृत्यु की सूचना
मामला पंजाब के लुधियाना का है जहां माता अमृत कौर के बेटे, एडवोकेट बलविंदर सिंह लायलपुरी ने सोशल मीडिया पर संदेश पोस्ट किया था कि उनकी मां का निधन हो गया है और उनका अंतिम संस्कार 28 अगस्त को मिलिट्री कैंप ढोलेवाल के पास स्वर्ग आश्रम में किया जाएगा। इस दुखद समाचार के बाद परिवार ने उन्हें अस्पताल से घर लाने का निर्णय लिया, जहां डॉक्टर ने पुनः जांच के दौरान पाया कि उनकी नब्ज चल रही है।
जीवित पाकर परिवार में खुशी की लहर
डॉक्टर की इस सूचना से परिवार में खुशियों की लहर दौड़ गई। तुरंत ही ऑक्सीजन मशीन का इंतजाम किया गया और माता अमृत कौर को मुंह से ऑक्सीजन दी गई। ऑक्सीजन मिलने के बाद उनके पेट और होंठों में हलचल दिखने लगी और आंखों की पलकों में भी संवेदना नजर आई। यह देखकर परिवार ने तुरंत अंतिम संस्कार का संदेश रद्द कर दिया।
डॉक्टर और परिवार जुटे देखभाल में
अब परिवार और डॉक्टर दोनों माता अमृत कौर की देखभाल में जुट गए हैं, उम्मीद है कि उनकी स्थिति और सुधरेगी। सतगुरु रविदास के अनुसार, जन्म और मृत्यु के खेल को समझ पाना मुश्किल है, और यह घटना इस कहावत को सच साबित करती है कि "जिसकी मृत्यु जब लिखी है, तब ही वह इस संसार से जाएगा।"