निर्भया के दोषियों के खिलाफ अभी जारी नहीं होगा डेथ वारंट, 7 जनवरी तक टली सुनवाई

Edited By Yaspal,Updated: 18 Dec, 2019 08:52 PM

death warrant not yet issued against nirbhaya convicts

दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया मामले में चार दोषियों को फांसी देने का वारंट जारी नहीं किया है और दोषियों से यह जानने का बुधवार को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रपति के समक्ष अपनी सजा के खिलाफ दया याचिका दायर कर रहे हैं या नहीं। उच्चतम न्यायालय ने निर्भया

नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया मामले में चार दोषियों को फांसी देने का वारंट जारी नहीं किया है और दोषियों से यह जानने का बुधवार को निर्देश दिया कि वे राष्ट्रपति के समक्ष अपनी सजा के खिलाफ दया याचिका दायर कर रहे हैं या नहीं। उच्चतम न्यायालय ने निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में अपने 2017 के फैसले पर पुनर्विचार के लिये चौथे मुजरिम अक्षय कुमार सिंह की याचिका खारिज कर दी। इस मामले में तीन अन्य मुजरिमों की पुनर्विचार याचिका न्यायालय पहले ही खारिज कर चुका है।
PunjabKesari
दोषियों को फांसी देने का वारंट जारी करने की दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रहे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने कहा कि वह शीर्ष अदालत के आदेश के फैसले की प्रति का इंतजार करेंगे और उन्होंने मामले में अगली सुनवाई सात जनवरी, 2020 के लिए नियत की। चार दोषियों को फांसी देने के लिये वारंट जारी करने के विषय पर सुनवाई को अदालत द्वारा सात जनवरी के लिए स्थगित किये जाने के बाद निर्भया की मां पटियाला हाउस अदालत के बाहर अत्यंत भावुक हो गईं और उन्होंने पूछा पीड़िता के अधिकार कहां हैं।
PunjabKesari
अदालत में रो पड़ीं निर्भया की मां
पीड़िता के अभिभावक और दिल्ली सरकार के वकीलों ने अदालत को बताया, ‘‘अदालत फांसी देने का वारंट जारी कर सकती है। वारंट जारी करने से अदालत को कोई नहीं रोक सकता है।'' निर्भया की मां ने पटियाला हाउस अदालत परिसर के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘‘दोषियों को एक और मौका दिया गया। उनके अधिकारों पर इतना क्यों विचार किया जा रहा है? हमारे अधिकारों का क्या?” न्यायाधीश अरोड़ा ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों से चार दोषियों से एक सप्ताह के भीतर यह जानने के निर्देश दिये कि वे राष्ट्रपति के समक्ष अपनी सजा के खिलाफ दया याचिका दायर कर रहे हैं या नहीं।
PunjabKesari
इस बीच शीर्ष अदालत ने अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। पीठ ने कहा कि पुनर्विचार याचिका किसी अपील पर बार-बार सुनवाई के लिए नहीं होती और शीर्ष अदालत मौत की सजा बरकरार रखते समय पहले ही सारे पहलुओं पर विचार कर चुकी है। पीठ ने कहा कि उसे मुख्य फैसले में ऐसी कोई त्रुटि नहीं मिली जिसके लिये इस पर पुनर्विचार किया जाये। न्यायालय ने कहा, ‘‘हमें 2017 में सुनाई गई मौत की सजा के फैसले पर पुनर्विचार का कोई आधार नहीं मिला।''

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!