Edited By shukdev,Updated: 22 Nov, 2018 06:30 PM
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईटीओ के बहादुरशाह जफर मार्ग पर स्थित नेशनल हेराल्ड भवन ‘हेराल्ड हाउस’ की लीज खत्म करने के केंद्र सरकार के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया। फैसला सुरक्षित रखे जाने से अभी भवन...
नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईटीओ के बहादुरशाह जफर मार्ग पर स्थित नेशनल हेराल्ड भवन ‘हेराल्ड हाउस’ की लीज खत्म करने के केंद्र सरकार के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरुवार को सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया। फैसला सुरक्षित रखे जाने से अभी भवन को खाली नहीं कराया जा सकेगा। इससे पहले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की सरकार के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका 15 नवंबर को हुई सुनवाई में 22 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गयी थी। न्यायालय ने कार्यवाही स्थगित करते हुए कहा था कि अगली तिथि तक यथास्थिति बनाई रखी जाए।
इस पर केंद्र सरकार की तरफ से न्यायालय में हाजिर हुए महाधिवक्ता ने आश्वासन दिया था कि हेराल्ड भवन को खाली नहीं कराया जाएगा। एजेएल ने 12 नवंबर को याचिका दायर की थी जिसमें केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के 30 अक्टूबर को 56 वर्ष से आवंटित हेराल्ड भवन को 15 नवंबर तक खाली कराए जाने के आदेश को चुनौती दी गई थी। एजेएल ने सरकार के आदेश को राजनीति से प्रेरित और विपक्षी पार्टियों की असंतोष की आवाज को दबाना बताया था।
सरकार ने हेराल्ड भवन को खाली कराए जाने के आदेश में कहा था कि इस परिसर में पिछले दस साल से कोई भी प्रेस काम नहीं कर रही है और लीज नियमों का उल्लंघन कर भवन का वाणज्यिक इस्तेमाल किया जा रहा है। एजेएल ने केंद्र के आरोप का खंडन किया था। उसका कहना था कि वित्तीय संकट के कारण कुछ समय से समाचारपत्र का प्रकाशन रुका रहा जबकि इससे पहले कई दशकों तक यहां से अखबार प्रकाशित होता रहा है। समाचारपत्र प्रकाशन बंद रहने के बावजूद अखबार और डिजिटल मीडिया का काम चलता रहा है।