Edited By vasudha,Updated: 24 Dec, 2020 04:00 PM
कहते हैं कि जन्म देने वाले से बड़ा होता है उसे पालने वाला। एेस उदाहरण देखने को मिला राजस्थान के जैसलमेर में, जहां एक मुस्लिम महिला ने बगैर मां के हिरण के बच्चे का पालन पोषण किया। 7 महीने तक हिरण की अपने बच्चे की तरह परवरिश करने के बाद उसे वन विभाग...
नेशनल डेस्क: कहते हैं कि जन्म देने वाले से बड़ा होता है उसे पालने वाला। एेस उदाहरण देखने को मिला राजस्थान के जैसलमेर में, जहां एक मुस्लिम महिला ने बगैर मां के हिरण के बच्चे का पालन पोषण किया। 7 महीने तक हिरण की अपने बच्चे की तरह परवरिश करने के बाद उसे वन विभाग काे सौंप दिया गया। हालांकि इस दौरान महिला की आंखे भर अाई।
जानकारी के अनुसार जैसलमेर जिले के केरालिया गांव में करीब सात महीने पहले एक हिरण ने बच्चे को जन्म दिया था। कुछ दिन बाद मादा हिरण पर आवारा श्वानों ने हमला बोल दिया और उसकी माैत हो गई। गांव की माया नामक मुस्लिम महिला हिरण के बच्चे का दुख देख नहीं पाई और उसे अपने घर ले आई और उसका नाम 'डॉन' रखा। माया 'डॉन' को बच्चे की तरह ही दूध पिलाती थी। हिरण के बच्चे को भी उस परिवार से इतना प्यार हो गया कि वह पूरा दिन उनके इर्द-गिर्द ही रहता था।
अपना नाम सुनते ही 'डॉन' दौड़ा दौड़ा माया के पास पहुंच जाता था। माया ने बताया कि हमें आवारा कुत्तों के हमले होने का डर सताने लगा है जिसे देखते हुए वनविभाग कर्मियों को सूचित किया गया। जब 'डॉन' को वन विभाग को सौंपा तो माया का दिल भर आया और वह अपने आंसू रोक नहीं पाई। बता दें कि हिरण एक ऐसा वन्यजीव है जो इंसान के पास आना तो दूर,आहट सुनते ही दूर भागता है। लेकिन माया ने दुनिया को दिखा दिया है कि एक इंसान वन्यजीव से प्रेम कर सकता है । इस महिला की ममता को अाज पूरा देश सलाम कर रहा है।