Edited By Shubham Anand,Updated: 07 Dec, 2025 02:15 PM

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख में श्योक टनल और बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) के 125 रणनीतिक प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया। इनमें 28 सड़कें, 93 पुल और चार अन्य महत्वपूर्ण सुविधाएं शामिल हैं। 920 मीटर लंबी श्योक टनल सर्दियों और हिमस्खलन वाले...
नेशनल डेस्क : भारत की सीमाओं की सुरक्षा और कनेक्टिविटी को और अधिक मजबूत करने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को लद्दाख में श्योक टनल से बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) के 125 रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया। जानकारी के अनुसार, ये प्रोजेक्ट्स सात राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों को लाभ पहुंचाएंगे।
920-मीटर लंबी श्योक टनल
920-मीटर लंबी कट एंड कवर श्योक टनल भारत की इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षमताओं को प्रदर्शित करती है। यह टनल भूस्खलन और हिमस्खलन वाले क्षेत्रों में सैनिकों और नागरिकों की बिना रुकावट आवाजाही सुनिश्चित करेगी। इसके अलावा, उद्घाटन किए गए अन्य प्रोजेक्ट्स लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और मिजोरम से जुड़े हैं। इन परियोजनाओं में 28 सड़कें, 93 पुल और चार अन्य रणनीतिक सुविधाएं शामिल हैं।
125 प्रोजेक्ट्स राष्ट्र को समर्पित
प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “हमारे जवानों ने हमेशा जिस पराक्रम और वीरता का परिचय दिया है, वह हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। आज हम जिन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन कर रहे हैं, यह हमारे वीर जवानों को, राष्ट्र की ओर से श्रद्धांजलि है। इन्हें राष्ट्र को समर्पित करते हुए मुझे अत्यंत गौरव महसूस हो रहा है।”
उन्होंने आगे कहा कि हमारी सेनाओं के बहादुर जवान और BRO के कर्मी देश के लिए लगातार काम कर रहे हैं। किसी भी मौसम और किसी भी स्थिति में काम करने की उनकी प्रतिबद्धता का नतीजा है कि आज हमारा देश लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
श्योक टनल के महत्व पर रक्षा मंत्री का बयान
श्योक टनल के उद्घाटन के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, “आज का कार्यक्रम बहुत खास है, क्योंकि हम लद्दाख में बनी एक अहम सुरंग का उद्घाटन कर रहे हैं। यह सुरंग दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड पर बनी है और इसकी लंबाई 920 मीटर है। यह दुनिया के सबसे दुर्गम और चुनौतीपूर्ण इलाकों में बनी एक इंजीनियरिंग उपलब्धि है। इसके माध्यम से इस स्ट्रैटेजिक क्षेत्र में सालभर अच्छी कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी। भारी बर्फबारी, हिमस्खलन और कठोर मौसम में भी यह सुरंग सुरक्षा और आवाजाही की क्षमता को कई गुना बढ़ा देगी। खासतौर पर सर्दियों में सैनिकों की तैनाती और नागरिक आवाजाही के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
देश के अन्य राज्यों में भी समर्पित प्रोजेक्ट्स
रक्षा मंत्री ने बताया कि केवल लद्दाख ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में भी कई और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स राष्ट्र को समर्पित किए जा रहे हैं। ये सभी 125 प्रोजेक्ट्स कुल मिलाकर लगभग 5,000 करोड़ रुपये के हैं। BRO के इतिहास में यह पहली बार है कि इतने महंगे और रणनीतिक प्रोजेक्ट्स का एक साथ उद्घाटन किया गया है। इन प्रोजेक्ट्स के उद्घाटन से न केवल सीमा क्षेत्रों की सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि नागरिकों और सैनिकों के लिए आवाजाही और कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। यह भारत की सीमा सुरक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।