Edited By rajesh kumar,Updated: 21 Jan, 2021 05:29 PM
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगले चार-पांच वर्ष में भारत से रक्षा निर्यात में जबर्दस्त बढ़ोतरी होगी।
नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगले चार-पांच वर्ष में भारत से रक्षा निर्यात में जबर्दस्त बढ़ोतरी होगी। उन्होंने उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित एक वेब गोष्ठी में कहा, ‘अगले 4-5 वर्ष में भारतीय सशस्त्र बलों में बहुत अधिक स्वदेशी सामान होगा और हम निर्यात में जबर्दस्त वृद्धि देखेंगे।'
रेड्डी ने कहा कि सरकार और डीआरडीओ ने निजी रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने अपनी प्रत्येक परियोजना में उद्योग को विकास और विनिर्माण में भागीदार बनने के लिए आमंत्रित किया है। यहां तक कि मिसाइलों जैसे महत्वपूर्ण सिस्टम को निजी उद्योग के लिए खोला गया है।' उन्होंने कहा कि हाल में सरकार ने विभिन्न देशों को आकाश मिसाइलों के निर्यात की मंजूरी दी है।
रेड्डी ने कहा कि कोई देश सच्चे अर्थों में तभी आत्मनिर्भर है, जब सशस्त्र बलों के लिए जरूरी अत्याधुनिक प्रणालियों का देश के भीतर ही डिजाइन, विकास और उत्पादन किया जाए। भारत वैश्विक स्तर पर हथियारों का सबसे बड़ा आयातक है। हालांकि, सरकार अब आयातित सैन्य सामानों पर निर्भरता कम करना चाहती है और घरेलू रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा दे रही है।